सामायिक मोक्ष का सर्वश्रेष्ठ अंग : आचार्य चन्द्राननसागर सूरिश्वर*

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*सामायिक मोक्ष का सर्वश्रेष्ठ अंग : आचार्य चन्द्राननसागर सूरिश्वर*
भगवान के जन्मोत्सव पर दासियों ने दी बधाई, हुआ नामकरण भगवान का नामकरण, पाठशाला गमन, सर्व देव-देवी पूजन हवन में आहुतियां दी
कांतिलाल मांडोत
उदयपुर 12 अप्रैल
आठ दिवसीय नाकोड़ा पाश्र्वनार्थ अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के छठें दिन हुए विविध आयोजन
उदयपुर, 12 अप्रेल। श्री मोती कृष्ण गौधाम, नाकोड़ा कामधेनु पाश्र्वनार्थ मंदिर राणाकुई वल्लभनगर में चल रही आठ दिवसीय नाकोड़ा पाश्र्वनाथ अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के छठें दिन शुक्रवार 12 अप्रेल को प्रियवंदा दासी द्वारा जन्म बधाई, भुआ-भुरोसा द्वारा नामकरण, पाठशाला गमन, सर्व देव-देवी पूजन हवन में आहुतियां देकर विधि विधान से पूजा सम्पन करवाई गई। संस्था के हस्तीमल लोढ़ा एवं श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि राष्ट्रसंत आचार्य गुरुदेव चन्द्राननसागरसूरीश्व महाराज की निश्रा में सुरेखादेवी लोढ़ा चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित नवनिर्मित जिनालय की अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा में विधि कारक कल्पेश भाई अहमदाबाद वाले ने विधि विधान से अष्ठ प्रकार के मंत्रोच्चारण से पूजा विधि के कार्य सम्पन्न कराएं।
कार्यक्रम में भगवान के नामकरण, पाठशाला गमन सहित कई विषयों पर सुन्दर नाटिका का मंचन किया गया। इस दौरान आयोजित धर्मसभा में आचार्य चन्द्राननसागर सूरिश्वर ने परमात्मा की वाणी के माध्यम से सामायिक का विवेचन में बताया कि सर्वज्ञ भगवंतों के द्वारा निर्दिष्ट सामायिक धर्म यह मोक्ष का श्रेष्ठ अंग है, साधन है सामायिक अर्थात् समभाव” । कैसे भी अनुकूल या प्रतिकूल संयोग खडे हो परन्तु उन संयोगों में मन में लेश मात्र भी राग या द्वेष के परिणाम पैदा न हो यह सामायिक की उत्कृष्ट भूमिका है। उस भूमिका को लक्ष्य में रखकर ही हमें सामायिक धर्म की आराधना-साधना करने की है। तीर्थंकर परमात्मा केवलज्ञान की प्राप्ति के बाद सर्व प्रथम सामायिक धर्म का ही उपदेश देते हैं। परमात्मा से पूछा गया कि-परमात्मा। सामायिक से जीवात्मा को क्या लाभ होता है? परमात्मा ने फरमाया कि सामायिक से सावध योग यानि पापकारी प्रवृत्तियों का त्याग होता है।
एक व्यक्ति प्रतिदिन कारण खांडी सुवर्ण का दान करता है और एक व्यक्ति प्रतिदिन सामायिक करता है। इतना दान देने वाला भी सामायिक की बराबरी नहीं कर सकता है। इतना लाभ इस सामायिक में रहा हुआ है। हमें समता में रहकर सामायिक करता है। रात्रि में संगीतकार नरेन्द्र वाणाी गोता ने अपनी स्वर लहरियों से सुर बिखरें एवं नाकोड़ा भैरव के भजनों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर हस्तीमल लोढ़ा, महासभा महामंत्री कुलदीप नाहर, देवेन्द्र मेहता, सागर जैन, हितेश जैन, गौरव जैन, रिषीत जैन, शिल्पा लोढ़ा, अवीश लोढ़ा, रोशनलाल लोढ़ा, दिनेश जैन, चांदमल लोढ़ा, मुकेश बोहरा, अमित कुमार पामेचा, दौलत सिंह सुराणा, यशवंत मण्डोत, सुनिल पगारिया, चद्रप्रकाश वागरेचा, भूपेन्द्र चण्डालिया, अनिल कावडिय़ा, चेतन चण्डालिया, अनिला विसलोत, अशोक मेहता, नाकोड़ा भक्ति मण्डल के कई श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे। इस अवसर पर नवकारसी एवं स्वामीवात्सल्य का आयोजन हुआ।–
आज होंगे ये कार्यक्रम
हस्तीमल लोढ़ा ने बताया कि सातवें दिन शनिवार 13 अप्रेल को मामेरा, परमात्मा का लग्नोत्सव, राज्याभिषेक, नवलोकांतिक देव द्वारा दीक्षा की विनंती चैत्याभिषेक, गाँव सांझी, महेंदी वितरण का आयोजन किया जाएगा।

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