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स्वतंत्रता का मूल्य समझने के लिए विभाजन की विभीषिका को जानन जरूरी: राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया*

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*स्वतंत्रता का मूल्य समझने के लिए विभाजन की विभीषिका को जानन जरूरी: राज्यसभा सांसद  चुन्नीलाल गरासिया*
*विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस चित्र प्रदर्शनी का हुआ समापन*
कांतिलाल मांडोत
उदयपुर, 14 अगस्त
विभाजन हमारी देश की स्वतंत्रता के साथ जुड़ा हुआ एक कभी न भुलाया जा सकने वाला दुखद अध्याय है। विभाजन की विभीषिका विषयक चित्र प्रदर्शनी से उस समय की त्रासदी की मार्मिकता और भीषणता का अनुमान लगाया जा सकता है। स्वतंत्रता का वास्तविक मूल्य समझने के लिए विभाजन की विभीषिका को जानना जरूरी है।


यह विचार राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने बुधवार को केंद्रीय संचार ब्यूरो, क्षेत्रीय कार्यालय, उदयपुर की ओर से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय उदयपुर के सभागार में आयोजित दो-दिवसीय चित्र प्रदर्शनी के समापन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को आजादी का इतिहास समझने की बड़ी आवश्यकता है क्योंकि इससे ही यह जानकारी मिलती है कि आज हम जिस स्वतंत्रता का उपभोग कर रहे हैं, वह कितनी मुश्किल से हमें हासिल हुई है और उसे भविष्य के लिए सुरक्षित रखना क्यों व कितना जरूरी है।
सांसद गरासिया ने कहा कि भारत की संस्कृति वसुधैव कुुटुम्बकम का संदेश देती है और दुनिया में हिंदुस्तान ही एकमात्र देश है जो शांति, भाईचारे और सौहार्द्र की बात करता है। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर इस देश को मजबूत बनाना है और यह प्रयास करना है कि यह देश विश्व शांति के लिए अग्रणी रूप में संपूर्ण विश्व का नेतृत्व करें।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि समाजसेवी आकाश बागरेचा और सूचना केंद्र के संयुक्त निदेशक डाॅ. कमलेश शर्मा ने कहा कि इतिहास को याद करना इसलिए जरूरी होता है कि हम अतीत में की गई अपनी गलतियों को ना दोहराएँ । उन्होंने भारत को परम् वैभव तक पहुंचाने के लिए प्रयास करने के लिए इमानदार प्रयास करने का आह्वान भी किया।
प्रारंभ में सहायक निदेशक रामेश्वर लाल मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 को प्रति वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाये जाने की घोषणा की गई थी । उन्होंने कहा की यह प्रदर्शनी अंग्रेजों द्वारा अपने स्वार्थवश किए गए विचारहीन विभाजन और उसके कारण बने दो देशों के बीच हुए लाखों लोगों के विस्थापन की कहानी को बया करती है ।
उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी का उददेश्य भारत की वर्तमान और भावी पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना और वेदना का स्मरण दिलाना है। दो दिन अनेक शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं एवं यूथ -जनप्रतिनिधियों और आइसीडीएस की महिलाओं ने चित्र प्रदर्शनी अवलोकन किया। इस दौरान अनेक प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई। सभी विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए ।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य दीपक माहेश्वरी ने कहा कि देश की एकता अखंडता को बनाये रखने के लिए भारत के हर नागरिक को अपनी भागीदारी निभानी होगी । प्रदर्शनी के समापन समारोह का संचालन सरोज कुमार ने किया एवं आभार एन.एस.एस कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर डाॅ. किरण मीणा ने किया। राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय के सभागार में लगाई गई विभाजन की विभीषिका पर दो दिवसीय प्रदर्शनी का राष्ट्रगान के साथ समापन हुआ ।

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