गोगुन्दा तहसील के तरपाल में धूमधाम से निकाली समाज की महिलाओं और युवतियों ने गणगौर विसर्जन यात्रा व झांकी*

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*गोगुन्दा तहसील के तरपाल में धूमधाम से निकाली समाज की महिलाओं और युवतियों ने गणगौर विसर्जन यात्रा व झांकी*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा 3 अप्रैल
गोगुन्दा तहसील के अनेक गांवो में गणगौर विसर्जन यात्रा का आयोजन किया गया।तरपाल में आज महिलाओं और युवतियों ने गणगौर विसर्जन की यात्रा व झांकी डीजे की धुन और राजस्थानी भजनों व गीतों पर झूमते हुए यात्रा निकाली गई।राजस्थान में गणगौर प्रमुख पर्व है।तरपाल में युवतियां एवं महिलाओ ने समापन समारोह के इस आयोजन में शिव और गणगौर की विसर्जन यात्रा रावला से होते हुए मुख्य बाजार में पहुंची ।डीजे की धुन एवं राजस्थानी भजनों से सराबोर युवतियां नृत्य एवं घूमर नृत्य करते हुए गोरमा पहुंची।
युवतियां डीजे की धुन पर नृत्य करती हुई आगे चल रही थी।पीछे महिलाएं शिव और गणगौर को बारी बारी से सिर पर धारण करती हुई चल रही थी।गणगौर का विसर्जन धूमधाम से किया गया।इस अवसर पर सजीव झांकी के साथ शोभायात्रा निकाली गई।कुमारिका अच्छे पति और सुख समृद्वि की कामना से गणगौर पर्व मनाती है।विवाहित महिलाएं सुहाग की रक्षा से गणगौर पूजन करती है ।
यह राजस्थान में ही नही अपितु पूरे देश मे मनाया जाने वाला पर्व है।अलग अलग रीति रिवाजों के साथ प्रवासी राजस्थानी समाज तो मनाता ही है लेकिन मारवाड़ी समाज को देखकर अन्य राज्य के लोग भी इस पर्व को खूब मनाते है।सायरा क्षेत्र में होली के बाद महिलाओ और युवतियों ने ईसर गवर की स्थापना की गई।16 दिवस पूजा अर्चना कर आज गुरुवार को विसर्जन का आयोजन किया।हर रोज पूजा करने की प्रक्रिया शुरू से की जाती है।यह मान्यता है कि भगवान शिव ने पार्वती को पाने के लिए 15 दिन तक तप किया था।उसके बाद शिव उनको मिले थे।तब से कुमारिका अच्छे वर के लिए गणगौर पूजन करती है जबकि सुहागिन महिलाएं पति की सुरक्षा के लिए 16 दिनों तक आराधना करती है।
तरपाल और आसपास के गांवों से महिलाएं ओर युवतियों ने ईसर गवर को गांव भ्रमण के लिए ले जाने का क्रम जारी रखा,आज विसर्जन वेला पर महिलाओ और युवतियों ने नम आंखों से कुएं पर ईसर और गवर को पानी पिलाया।विसर्जन यात्रा के दौरान जगह जगह महिलाओ ने शिव और गणगौर को तिलक लगाकर पानी पिलाया।शिव और गणगौर को विदाई के समय पैसे और अन्य वस्तु भेंट कर चरण स्पर्श किया।घर मे ज्वारा भी बोया गया और ज्वारा पानी मे विसर्जित किया। समाज की महिलाओं औऱ युवतियों ने गाजा बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई।गांव के तरपाल अम्बा माता होते हुए सुंदर वावड़ी होते पानी भरने वाली वावड़ी पर पहुंचे।
पूजा करती मूर्ति और पानी मे ज्वारा भी विसर्जन किया गया।कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नूतन जोशी तारा कुंवर सीता कुंवर डिम्पल कुंवर सविता कुंवर महिमा कुंवर सीमा प्रजापत चेतना सुथार अनिता कुंवर भाविका सुथार मनु सुथार जया जैन हेमा तलेसरा आदि की उपस्थिति रही।तथा गांव की अनेक महिलाओ ने भाग लिया।

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