नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9974940324 8955950335 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , गुंदाली में गवरी समापन में उमड़ा जन सैलाब,गवरी वलावण शोभायात्रा में उत्साह देखने को मिला* – भारत दर्पण लाइव

गुंदाली में गवरी समापन में उमड़ा जन सैलाब,गवरी वलावण शोभायात्रा में उत्साह देखने को मिला*

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

*गुंदाली में गवरी समापन में उमड़ा जन सैलाब,गवरी वलावण शोभायात्रा में उत्साह देखने को मिला*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा 30 सितंबर
उदयपुर जिले के गोगुन्दा तहसील के अनेक गांवो में गवरी के समापन में ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा।आज 30 सितंबर को खेड़ा माता परिसर में गवरी का नृत्य हुआ।अरावली पर्वतमाला ओ के पहाड़ीनाथ की पावन भूमि एवं जरगाजी की पवित्र भूमि की बनास नदी से सटे गांव गुंदाली में ग्रामवासियो ने गलावण के दिन गवरी कलाकारों ने कुम्हार के घर से मिट्टी के हाथी और गोरज्या माता की प्रतिमा लाई गई।

 

गोरज्या माता की शोभायात्रा में गांव सहित आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ो श्रदालुओ की भीड़ एकत्रित हुई।इस प्रतिमा को गोरज्या माता के मंदिर में विराजमान किया गया।ततपश्चात गवरी कलाकरो ने रात भर नृत्य कर दर्शकों को अभिभूत किया।।सोमवार को शुभ मूहुर्त में गोरज्या माता की शोभायात्रा में ग्रामीण शामिल हुए।थाली मादल की थाप पर जैसे जैसे गोरज्या माता की शोभायात्रा आगे बढ़ती गई।लोगो का सैलाब देखने को मिला।भक्तो ने गोरज्या माता से आशीर्वाद लिया।शाम को तय मुहूर्त में तय वर्षो से तय स्थान पर हाथी पर सवार गोरज्या को जल में विसर्जित किया गया।नजारा खूब सूरत था।

लोगो की अश्रुपूरित विदाई से दिल मे कसक का आभास हो रहा था।विसर्जन के पूर्व गवरी पंथ की अग्नि परीक्षा भी हुई।सवा महीने तक हरी सब्जियों को त्याग कर ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने वाले सभी कलाकारों की कसौटी से लोगो ने दांतो तले उंगली दबा दी।सत्य और नियमो के अधीन रहकर भील समाज के इन कलाकारों ने गोरज्या माता की पूजा अर्चना कर देवताओ को गांव गांव भ्रमण कराकर पौराणिक परम्परा का निर्वहन किया है।

इन कलाकारों ने गोरज्या माता के समक्ष यह प्रमाण दिया है कि हम सभी ने तन मन से व्रत का पालन किया ।सैकड़ो वर्षो से चली आ रही गवरी नृत्य परम्परा आज भी अक्षुण्ण है।गांव ढाणी से लोग देर रात तक बैठकर गवरी देखते है।माताजी के भेख को नमन करते हुए अपने परिवार की खुशहाली के लिए गोरज्या माता से मंगल कामनाएं भी करते है।गवरी नृत्य अद्भुत है और ग्रामीणों का उत्साह हर वर्ष हर दिन बढ़ता ही रहता है।

इस वर्ष के समापन के बाद लोग मायूस नजर आए।विदाई के समय इस तरह से श्रदालु मायूस नजर आए,जैसे जीवन मे बहुत बड़ी क्षति हुई है।उल्लेखनीय है कि गांव में गलावन वलावण के इस समापन मौके पर चार दिन तक धूमधाम रही।प्रातःकाल ही लोग गुंदाली पहुंचना शुरू कर दिया था।रविवार ओर सोमवार का दिन उत्साहवर्दक रहा।गांव धार्मिक उत्सव में रंगा देखा गया।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031