मोदी की पांच देशों की यात्रा से पड़ोसियो को संदेश,द्विपक्षीय संबंध होंगे मजबूत*

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*मोदी की पांच देशों की यात्रा से पड़ोसियों को संदेश,द्विपक्षीय संबंध होंगे मजबूत*
प्रधानमंत्री बुधवार को विदेश के लिए रवाना हो गए है।आठ दिवसीय यात्रा पर है।इसमें ब्रिक्स सम्मेलन भी शामिल है।ब्राजील का दौरा प्रधानमंत्री के लिए सबसे अहम दौरा माना जा रहा है।कुटनीतिक और आर्थिक असर भी पड़ने के आसार है।लेकिन विदेशो में भारत की स्थिति मजबूत और भारत की विदेशों में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।घाना ब्राजील अर्जेंटीना त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों की यात्रा से भारत की छवि निखर रही है।घाना में 30 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री यात्रा कर रहा है।
घाना में भारतीय मूल के नागरिकों को बेसर्बी से मोदी का इंतजार है।घाना भारत से ऑटोमोबाइल, टाटा मोटर्स और अशोक लीलैंड की महत्वपूर्ण उपस्थित रही है।घाना से भारत को सोना,कोको और लकड़िये आयात होता है।घाना से भारत कोफार्मास्युटिकल कृषि मशीनरी बिजली के उपकरण प्लास्टिक सीमेंट और स्टील का निर्यात होता है।नतीजतन,घाना में राष्ट्रपति की मुलाकात करेंगे।भारत के प्रधानमंत्री मोदी की पहली घाना यात्रा है।फलस्वरूप घाना से आर्थिक उन्नति और रक्षा सहयोग की ऊंची उड़ान भरने की संभावना जताई जा रही है।
त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा भारत से कई वर्षों के बाद हो रही है।लिहाजा,कैरेबियाई देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्तों को ताकत मिलेगी।अर्जेंटीना में कृषि ,खनन और तेल जैसे रक्षा जैसे क्षेत्रो में साझेदारी मजबूत करने पर जोर दिया जा सकता है।जेनेरियो में ब्रिक्स सम्मेलन में ब्राजील के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में ,वैश्विक प्रशासन,जलवायु खतरे को कम करने,एआई का इस्तेमाल,शांति और सुरक्षा, बहुपक्षीय संस्थाओ को मजबूत करने और वैश्विक स्वास्थ्य पर बल दिया जा सकता है।मोदी का आखिरी पड़ाव नामीबिया होगा।मोदी नामीबिया जाने वाले भारत के तीसरे प्रधानमंत्री है।
नामीबिया और भारत का द्विपक्षीय व्यापार 60 करोड़ डॉलर पहुंच गया है।मैन्युफैक्चरिंग डायमंड प्रोसेसिंग और खनन सेवा के क्षेत्र में निवेश किया है।मूल निवासी भारतीयो को मोदी का आतुरता से इंतजार है।मोदी के विकास मंत्र की सराहना करते हुए भारत से कोई अपने परिवार का सदस्य आने के इंतजार में उत्साहित है।पांच देशों की यात्रा से भारत के पड़ोसी देशों की नींद उड़ गई है।उनको नही कहते बन रहा है और न ही सहते बन रहा है।भारत की जड़े वैश्विक समुदाय से जुड़कर पूरे विश्व मे फैलती जा रही है।भारत ग्लोबलाइजेशन में सबसे आगे है।
*कांतिलाल मांडोत*

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