राजस्थान विधानसभा चुनाव में गोगुन्दा सीट पर दावा वादा और सामाजिक समीकरण*
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*राजस्थान विधानसभा चुनाव में गोगुन्दा सीट पर दावा वादा और सामाजिक समीकरण*
कांतिलाल मांडोत
राजस्थान विधानसभा चुनाव में बाजी किसके पक्ष में होगी, यह सवाल पर जनता खामोश है।चुनावी पंडित कांग्रेस के कामकाज,भाजपा के चुनाव जीतने पर वादे और जातीय समीकरण के अनुसार जीत हार का लेखा जोखा कर रहे है।भाजपा केंद्र सरकार के दस साल के काम तो कांग्रेस अपने पांच साल के काम के नाम पर जनता से वोट मांग रही है।भाजपा कांग्रेस की नाकामियों को भी जनता के समक्ष ले आ रही है।तो कांग्रेस केंद्र सरकार को निशाना बना रही है।राजनैतिक दल वादों और घोषणाओं की झड़ी लगाकर जनता को अपने पाले में करना चाहते है।भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे को प्रतिद्वंद्वी बना रही है।मुख्यधारा की मीडिया भी कांग्रेस की उपस्थिति को नजर अंदाज कर रहा है।लेकिन गोगुन्दा के जमीनी हकीकत और जातीय समीकरण के जटिलताओं के कारण दोनों दल भरोसा रखें हुए है।सीधे शब्दों में कहे तो क्षेत्र की चुनावी तस्वीर में तफावत है।सबसे खास बात यह है कि इस बार आम और खास मतदाताओं के बीच जाति धर्म और स्थानीय मुद्दों के अलावा केंद्र और राज्य सरकार का कामकाज भी कसौटी पर है।दोनों सरकारों के कामकाज पर जनता विचार विमर्श कर रही है।कांग्रेस सरकार के कुशासन से एक वर्ग ठगा महसूस कर रहा है।दूसरी तरह भाजपा द्वारा सरकार आने पर संकल्प पत्र और कांग्रेस की और से किये घोषणाएं भी अहम मुद्दा माना जा रहा है।कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओँ का यह उदयपुर गृह जिला है।कहावत भी है कि जो मेवाड़ जीत लिया वो सरकार बना लेगा।ग्रामीण क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं पर जनता वोट करती है।गांवो में सड़क बिजली,पानी और शिक्षा के स्तर को सुधारने में किस दल का योगदान रहा है।उसी के मद्देनजर वोट करते है।गांवो में जातीय गोलबंदी मुख्य रूप से अहम मानी जाती है।
पिछले विधानसभा 2018 में गोगुन्दा से भाजपा के प्रत्याशी प्रतापलाल गमेती ने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उमीदवार ड्रा मांगीलाल गरासिया को पराजय दिलाई थी।राजस्थान कांग्रेस पर भाजपा का हमला बरकरार है।दुष्कर्म,पेपरलीक और भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर भाजपा कांग्रेस को घेर रही है।वही भाजपा हिन्दू और हिंदुत्व का अलख जगाकर मतदाताओं से वोट मांग रही है।राजस्थान कांग्रेस पर भाजपा ने कुशासन और कानून व्यवस्था पर हर बार उंगली उठाई है।राजस्थान में पेपरलीक मामले पर भाजपा कांग्रेस को घेर रही है।
गोगुन्दा विधायक प्रतापलाल गमेती
वही,भाजपा ने कांग्रेस को तुष्टिकरण को लेकर हर समय घेराव किया है।भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के खिसकते जनाधार से चिंतित राज्य सरकार ने दलित और आदिवासियों की गोद मे जाकर बैठ रहे है।कांग्रेस अडानी और जातीय जनगणना पर तंज कस रही है।कांग्रेस मोदी को लेकर 15 लाख का मुद्दा उठाकर चुनावी समर में घसीट रही है।
गोगुन्दा के प्रभुसिंह चौहान ने बताया कि कांग्रेस ने पांच साल में प्रदेश में विकास किया है।राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सात गारंटी योजनाओ को लागू किया है।प्रदेश में इन योजनाओं से आम लोगो को फायदा पहुंचा है।रामसिंह ने बताया कि कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने गांव गांव जाकर कुशलक्षेम पूछी है।कांग्रेस ने पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया को दो टर्म में हार के कारण आलाकमान ने टिकट नही दिया था।लेकिन स्थानीय नेताओं की सिफारिश और मेहनत कर चुनावी जिताने की शर्त ओर आलाकमान ने मांगीलाल गरासिया को टिकट दिया। भाजपा के प्रतापलाल गमेती दो टर्म से गोगुन्दा विधायक के पद पर आरूढ़ है।उनकी कार्यशैली और कुशल नेतृत्व के कारण गोगुन्दा विधानसभा से तीसरी बार टिकट दिया गया है।भाजपा टीम के सर्वे में सबसे ज्यादा प्रतिशत प्रतापलाल गमेती का हासिल हुआ।
2018 में प्रतापलाल गमेती को 82,599 वोट प्राप्त हुए।जो कुल मतदान में 45.62 फीसद रहा।कांग्रेस उमीदवार ड्रा मांगीलाल गरासिया को 78,186 वोट और कुल मतदान का 43.19 प्रतिशत रहा।इसके अलावा भाकपा के लहराराम ,बसपा से चंपालाल,आईएनडी बतीलाल मीणा बिरधीलाल छानवाल और जेएसआर से प्रकाशकुमार औरआप से रेखा भील ने नामांकन भरा था।और निर्दयली उमीदवार बर्डीलाल चन्चवाल उमीदवार रहे।
पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया
उसी क्रम में 2013 में भाजपा प्रतापलाल गमेती ने गोगुन्दा ग्रामीण क्षेत्र की सीट पर पहली बार काबिज हुए।भाजपा प्रत्याशी प्रतापलाल गमेती को 69,210 वोट हासिल हुई,वही मांगीलाल गरासिया को 65865 बोट मिले।2013 में मेघराज तवार को 6416हासिल हुई।दो टर्म से गोगुन्दा में भाजपा के विधायक है।इस बार भाजपा तीसरी बार जीत का दावा कर रही है।वही कांग्रेस राहत शिविरों में लोगो को महंगाई राहत कीट को भुनाकर वोटमांग रही है।गांवो में स्थानीय मुद्दे हावी रहते है।बस सर्विस,बिजली,पानी,स्कूल शिक्षा ,रोजगार और भावी सरकार की घोषणा के आधार पर जनता वोट करती है।सरकारी महकमे पर जनप्रतिनिधियों का वर्चस्व और कामकाज में रोड़ा अटकाने को लेकर जनता में आक्रोश भी है।जमीनी हकीकत को देखकर जनता वोट करेगी।भाजपा जोरशोर से कांग्रेस की नीतियों को कोस रही है।भाजपा इस बार अपने टर्म में विजयभव की आशा लिए हुए है तो कांग्रेस राज्य स्तर पर कल्याणकारी घोषणाओं पर जनता से वोट की अपील कर रही है।गोगुन्दा में कुल मतदाता 245777 है।जिसमे पुरुष वोटरों की संख्या 125,669है।महिला 120, 107 है।जिसमे कुल पुरुष वोटर 91,778 और महिला वोटर 88,669 इस बार वोट करेंगे।भील और गरासिया जाती के उमीदवारो को अपने अपने स्तर से कहीं न कही अपनी जातीय समीकरण पर उमीदों के पुल बांध रखे है।इसका निर्णय गोगुन्दा के मतदाता ही करेंगे। चुनाव की तिथि सिर पर है।देखना यह है कि राजस्थान का राज बदलेगा या रिवाज बदलेगा?
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