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शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण: सोमनाथ और द्वारका के पट बंद रहेंगे, भक्त शाम को मंदिर में दर्शन नहीं कर सकेंगे

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शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण: सोमनाथ और द्वारका के पट बंद रहेंगे, भक्त शाम को मंदिर में दर्शन नहीं कर सकेंगे
सूरत 20 अक्टूम्बर
कांतिलाल मांडोत
तीन दशक बाद इस साल शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा। शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है, ऐसे में यह ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 28 अगस्त को लगने वाले ग्रहण का सूतक दोपहर 3:15 मिनट से शुरू हो जाएगा और रात 2:22 बजे तक रहेगा। ग्रहण का समय रात 1:06 बजे से रात 2:22 बजे तक रहेगा। चंद्रग्रहण के कारण सोमनाथ और द्वारका के पट बंद रहेंगे। मंदिर में सायंकालीन आरती-पूजा नहीं होगी। श्रद्धालु शाम को मंदिर में दर्शन नहीं कर सकेंगे। चंद्रगहण को ध्यान में रखते हुए द्वारकाधीश मंदिर के समय में बदलाव किया गया है। 28 अक्टूबर को सुबह 5:00 बजे पहले की तरह मंगलाआरती होगी। 11 से 12 बजे तक मंदिर बंद रहेगा। 12 बजे से 3 बजे तक मंदिर खुला रहेगा। दोपहर में 3:00 बजे मंदिर बंद हो जाएगा, जो दूसरे दिन यानी रविवार को सुबह खुलेगा। द्वारकाधीश मंदिर में शरद पूर्णिमा पर रासोत्सव का आयोजन होता है। इस साल चंद्रग्रहण के कारण यह कार्यक्रम 27 अक्टूबर को शाम 7:30 से 9:30 बजे आयोजित होगा। वहीं, सोमनाथ मंदिर के पट दोपहर में बंद हो जाएंगे। दोपहर के बाद होने वाली सायं आरती, ध्वजा पूजा, बिल्वपत्र पूजा, सोमेश्वर महापूजा समेत अनुष्ठान बंद रहेंगे। श्रद्धालु 29 अक्टूबर को पूर्ववत की तरह दर्शन कर सकेंगे।
चंद्र ग्रहण के दौरान इन मंत्रों के जाप से शुभ फल मिलता है
सराय मधई के पंडित इंद्रजीत पांडेय ने बताया कि ग्रहण का असर सभी मनुष्यों पर पड़ता है। ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ऊं सों सोमाय नम: अथवा भगवान शिव के महामंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप करें। ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इससे पेट में पल रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। ग्रहण से निकलने वाली किरणें मनुष्यों पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसलिए ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करना चाहिए। गंगा नदी में स्नान करने पर शुभ फल मिलता है। गंगा में स्नान करने का मौका नहीं मिल रहा है तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला सकते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर को धोकर गंगाजल का छिड़काव करें। ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए गरीबों को दान दें।

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