आम आदमी पार्टी के आदर्श लहूलुहान और नैतिकता तार तार

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केजरीवाल के जवाब का देश को इंतजार
आम आदमी पार्टी के दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कल तक जिस तीर से अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साध रहें थे।आज उसी तीर से घायल हो गए है।आम आदमी पार्टी का आदर्श लहूलुहान और नैतिकता तार तार हो गई।सीबीआई को मनीष सिसोदिया ने जवाब देने में सहयोग नही करने पर उनको गिरफ्तार किया गया और चार मार्च तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है।उसके पहले भ्रष्टाचार में सत्येंद्र जैन को तिराड़ जेल में बंद है।भ्रष्टाचार के आरोपो की जांच के बाद शुरू हुई कलह शांत होने का नाम नही ले रही है।अब विवाद इतना गहरा गया कि पार्टी नेता भाजपा और सीबीआई पर कीचड़ उछालने से बाज नही आये।भाजपा को बदले की भावना से जूठे आरोप लगाने का केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर निशाना साधा।वही मनीष सिसोदिया सीबीआई से बचने के अनेक उपाय किये।केजरीवाल को मनीष ने घुटने टेकने को मजबूर कर दिया।केजरीवाल जिस विश्वास के साथ कहते थे उस से साफ जाहिर होता था कि केजरीवाल मनीष को बचाने के लिए साजिश रच रहें है।केजरीवाल गुजरात मे अपनी राजनैतिक चाल चलते रहे,लेकिन अब आप की राह आसान नही है।मनीष और सत्येंद्र जैन के कथिततौर पर जेल में जाने के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृव और कार्यशैली को चुनौती देने के तौर पर देखा जा रहा है।दूसरी तरफ सत्ता संघर्ष के तौर पर देखने वालों की कमी नही है।यह तो सही है कि आप का वैचारिक खोखलापन और सैद्धान्तिक पतन उजागर हुआ है।सत्येद्र और मनीष का इस्तीफा स्वीकार हो गया है। आगामी नौ राज्यो में होने वाले विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की राह आसान नही है।जूठे आरोप के जरिये केजरीवाल अपने साथी को बचाते आ रहे थे।जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई हल्के में ले रहे थे।उससे लगता था केजरीवाल की आप पार्टी दूध में धुली हुई है।सीबीआई ने पुख्ता जांच के बाद मनीष को गिरफ्तार किया है।दिल्ली सरकार के कामकाज और केजरीवाल के आसपास की मंडली के कारनामे से कार्यकर्ता काफी नाराज है।बहरहाल सर्वजनिक स्थानों पर शराब निषेध अभियान के विज्ञापनों और प्रचार पर दिल्ली सरकार ने लाखो रुपए खर्च किये थे।लाखो खर्च के बावजूद दिल्ली सरकार के आदेश और प्रचार का ज्यादा असर नही हुआ था।इस अभियान में मनीष सिसोदिया ने फोटो वाले विज्ञापनो पर करोड़ो का धुआं उड़ाया।लेकिन अभियान का कोई असर नही हुआ।हर राज्य में केजरीवाल ने भाजपा पर जूठे आरोप लगाने का निशाना साधा है।लेकिन केजरीवाल अब क्या कहते है?मनीष को बचाने के लिए आगे आये केजरीवाल अब सफाई में क्या कहना चाहते है?किसी एक पार्टी या व्यक्ति से इतना जल्दी निराश नही हुये होंगे जितना कि अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी से।इस पार्टी के आधार बने लोग अब उंगली उठा रहे है।
कान्तिलाल मांडोत

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