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महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर तरपाल पार्श्वनाथ जैन मंदिर में नवकार मंत्र का जाप*

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*महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर तरपाल पार्श्वनाथ जैन मंदिर में नवकार मंत्र का जाप*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा 9 अप्रैल 2025
गोगुन्दा तहसील के तरपाल गांव में मुख्य बाजार स्थित भगवान पार्श्वनाथ मन्दिर में आज सामूहिक जप किया गया।महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर श्रावक श्राविकाओं ने विश्व शांति हेतु नवकार मंत्र का जप किया गया।हम आज भी सभी समस्याओं का हल अहिंसा में खोजते है।हमने सिद्धान्त रूप में अहिंसा को स्वीकारा लेकिन व्यवहार में उसकी परिणति नही कर पाए।अस्त्र शस्त्र के आक्रमण से किसी समस्या का समाधान नही हो सकता।वह होगा अहिंसा के द्वारा ही।हिंसा के बदले हिंसा ही होती है।यदि हिंसा का प्रतिकार अहिंसा से करे तो आखिरी विजय अहिंसा की ही होगी।भगवान महावीर की जयंती के उपलक्ष्य में विश्व शांति के लिए जप अनुष्ठान में पूरा देश धर्मस्थलो पर उपस्थित रहकर भगवान के द्वारा बताए महामंत्र का जप कर हमने विश्व की समस्त जातियों ,पशु पक्षी और जानवरों के लिए प्रभु से प्रार्थना कर शांति स्थापित करने की कामना की ।गोगुन्दा के हर गांव में जहा पर पार्श्वनाथ का जिनालय स्थित है वही नवकार मंत्र जाप किये गए।इसी पुण्य धरा पर प्रभु महावीर का जन्म हुआ।जन जन के श्रद्धा केंद्र दलित पीड़ित के उद्धारक अहिंसा के जाज्वल्यमान नक्षत्र अपरिग्रह के आराधक और अनेकान्तवाद के प्रेणता महावीर का नाम आते ही ह्दय में आनन्द की उर्मिया उठने लगती है।जिस क्षेत्र में हम रह रहे है,उसी क्षेत्र पर वह महान आत्मा परमात्मा बनने बनाने तथा विश्व कल्याण करने आई थी।शास्त्रकारों ने दुर्लभं भरते जन्म की बात कही है।भारत धर्म भूमि है।यहाँ एक नही अनेक धर्मो की परंपरा रही है।भगवान के सिद्धांत आज भी चिंतकों सोचने के लिए विवश करते है।आज के युग मे महावीर और उनके सिधान्तो का सार्वजनिक एवं सार्वदेशिक महत्व है।अपने अक्षुण्ण और अबाधित सिद्धान्तों के रूप में महावीर आज भी हमारे बीच रहते है।अहिंसा अपरिग्रह और अनेकान्तवाद की त्रिवेणी महावीर ने ही इस भारत भूमि पर प्रवाहित की थी।आज पूरा विश्व महावीर जयंती के पावन अवसर पर उनके द्वारा प्रदत्त सिद्धान्तों का अनुसरण कर रहा है।

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