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देवला के पत्रकार को जान से मारने की धमकी, मेवाड़ प्रेस क्लब में रोष,पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की उठी जोरदार मांग*

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*देवला के पत्रकार को जान से मारने की धमकी, मेवाड़ प्रेस क्लब में रोष,पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की उठी जोरदार मांग*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा/देवला
4दिसम्बर 2025
उदयपुर के देवला क्षेत्र में दैनिक भास्कर के पत्रकार रमेश गरासिया को मोबाइल फोन पर जान से मारने की धमकी दिए जाने के मामले ने प्रदेशभर के पत्रकारों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। मेवाड़ प्रेस क्लब एवं क्षेत्र के पत्रकारों ने इस घटना को लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रेस स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम गोगुंदा एसडीएम शुभम भैसारे को ज्ञापन सौंप कर आरोपियों के खिलाफ तत्काल और कठोर कार्रवाई की मांग की।धमकी देने वालों में पंचायत अधिकारी और प्रशासक (सरपंच)पति का नाम है।ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि 30 नवंबर को कार्यवाहक पंचायत समिति विकास अधिकारी (BDO) शम्भूलाल गरासिया और मेनपुर पंचायत के प्रशासक के पति ने पत्रकार रमेश गरासिया को फोन कर धमकाया। उन्होंने गुस्से में कहा-“हमारे खिलाफ खबर लगा दी, तेरे पर गाड़ी चढ़ा कर मार डालेंगे।”
पत्रकारों ने कहा कि यह धमकी न सिर्फ बेहद आपत्तिजनक है बल्कि क्षेत्र में निष्पक्ष पत्रकारिता को दबाने का खुला प्रयास भी है। यह घटना बताती है कि जमीनी स्तर पर कार्यरत पत्रकार किस तरह जोखिम उठाकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।प्रेस क्लब का कड़ा विरोध कर एफआईआर और निलंबन की मांग की गई है।मेवाड़ प्रेस क्लब ने इस घटना की तीखी निंदा करते हुए दोनों आरोपियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने, प्रशासक पति पर सख्त कार्रवाई करने और कार्यवाहक BDO शम्भूलाल गरासिया को निलंबित करने की मांग रखी है। पत्रकारों ने कहा कि प्रशासनिक पद का दुरुपयोग कर पत्रकार को धमकाना बेहद गंभीर अपराध है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पत्रकारों ने यह भी कहा कि धमकी मिलने के बाद पीड़ित पत्रकार की सुरक्षा बढ़ाना आवश्यक है। इसलिए रमेश गरासिया को तत्काल पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए, ताकि वह बिना भय के अपना काम जारी रख सकें।
*कानून व्यवस्था पर सवाल* जोधपुर की घटना भी उठाई
ज्ञापन में पत्रकारों ने प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों और पत्रकारों पर हमलों के मामलों को गंभीर चिंता का विषय बताया। हाल ही में जोधपुर में एक थानाधिकारी द्वारा वर्दी का फायदा उठाकर एक वकील से मारपीट और बदतमीजी करने की घटना का भी जिक्र किया गया। पत्रकारों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पत्रकार समाज ने कहा कि यदि प्रशासनिक पदों पर बैठे लोग खुद ही धमकी देने लगें और कानून हाथ में लें, तो आमजन और मीडिया दोनों ही असुरक्षित महसूस करेंगे। ऐसे में सरकार को त्वरित कार्रवाई कर कड़ा संदेश देना जरूरी है।
*पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग तेज*
ज्ञापन में कहा गया है कि राजस्थान में पत्रकारों पर हमलों, धमकियों और उत्पीड़न के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून का लागू होना समय की मांग है।पत्रकारों ने कहा कि पुलिस और प्रशासन के स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के बावजूद जब तक कानूनी ढांचा मजबूत नहीं होगा, तब तक इस तरह की घटनाओं पर प्रभावी रोक नहीं लग सकेगी। इसलिए राज्य सरकार को शीघ्र ही पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करना चाहिए, जिससे जमीनी स्तर पर कार्यरत पत्रकार सुरक्षित वातावरण में निष्पक्ष और निर्भीक होकर अपना कर्तव्य निभा सकें।ज्ञापन सौंपने में कई पत्रकार शामिल रहे।ज्ञापन सौंपने के दौरान मेवाड़ प्रेस क्लब के वरिष्ठ और युवा पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इनमें गोपाल लोढ़ा, योगेश तेली, संजय आमेटा, किशनलाल पालीवाल, कांतिलाल मांडोत, सुनील जैन सहित कई पत्रकार शामिल थे।सभी ने एकस्वर में कहा कि पत्रकार पर हमला किसी एक व्यक्ति पर हमला नहीं बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर चोट है। ऐसी घटनाओं के प्रति सरकार को ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए।
देवला के पत्रकार को मिली धमकी ने पत्रकार सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। पत्रकारों ने सरकार से त्वरित कार्रवाई और सुरक्षा कानून लागू करने की मांग दोहराई है। अब देखने वाली बात यह है कि सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और मीडियाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाती है।

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