छठ पूजमहा पर्व का निर्जरा व्रत शुरू,अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य समर्पण आज

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छठ पूजमहा पर्व का निर्जरा व्रत शुरू,अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य समर्पण आज
सूरत 19 नबम्बर
मुकेश जैन
चार दिवसीय छठ पूजा महापर्व के दूसरे दिन खीर रोटी का प्रसाद ग्रहण कर वृत्तियों ने 36 घण्टे का निर्जरा वृत शुरू किया ।आज शाम को निर्जरा व्रत व अस्तागामी सूर्य को अर्ध्य समर्पित करेंगे।बिहार का सामाजिक एवं आध्यात्मिक पर्व के लिए हजारो व्रतधारियों के हर वर्ष की तरह सूरत मनपा इस वर्ष भी घाटों की साफसफाई कई दिनों के पूर्व कर व्रतधारियों के लिए घाट के लिए खुला किया है। छठ पूजा के लिए शहर में तापी किनारे समेत व अन्य स्थलों पर आयोजकों की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है।महापर्व की तैयारियों का असर शहर के गोडादरा, डिंडोली, कतारगांव, जहांगीरपुरा, हजीरा, कड़ोदरा, सचिन, वेसू समेत अन्य क्षेत्रों में सब्जी-फल वगैरह की खरीदारी के साथ बाजार में शनिवार को देखने को मिला। व्रती व श्रद्धालुजन छठ पूजा के लिए पूजा सामग्री ले जाते दिखाई दिए। वहीं, घरों री के में महिलाओं ने सामूहिक रूप से प्रसाद के रूप में ठेकुआ समेत अन्य सामग्री ख भी तैयार की है।
*घाटों पर तैयारियां का अंतिम चरण*
शहर में तापी नदी के विभिन्न घाटों व तालाब किनारे छठ पूजा की तैयारियां छठ शनिवार देर शाम तक अंतिम चरण में नजर आई। तापी नदी पर वियर-कम- कॉजवे, नावडी घाट, अंबाजी मंदिर के निकट, इस्कॉन मंदिर घाट, छठ सरोवर, कराड़वा तालाब समेत अन्य स्थलों पर विभिन्न संगठनों की ओर से रोशनी, पानी समेत अन्य व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं के लिए की गई है
*वेसु में जुटेंगे हजारो श्रद्धालु*
वेसू में पहली ब वेसू वेलफेयर एसोसिएशन ने महानगरपालिका के सहयोग पूजा के दौरान रविवार श अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य बाद सोमवार सुबह उषाकाली सूर्य को अर्घ्य समर्पण के लि कृत्रिम तालाब का निर्माण इस बार क्षेत्र में करवाया है। वेसू पहली बार यह व्यवस्था होने क्षेत्र के हजारों व्रती व श्रद्धाल अब तापी किनारे अथवा अन् स्थल के बजाय यहां भी छठ पूजा का लाभ ले सकेंगे।
*हजारो श्रद्धालु मौजूद रहेंगे*
रविवार शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य के बाद सोमवार सुबह उषाकालीन सूर्य को अर्घ्य समर्पण के महापर्व के दूसरे दिन शनिवार दौरान हजारों श्रद्धालु मौजूद रहेंगे। महिलाओं ने गीत गाते हुए प्रस आयोजन के दौरान सभी प्रमुख पूजा स्थलों पर विभिन्न सामाजिक संगठनों निभाई गई। उधर, तापी व तात के सैकड़ों कार्यकर्ता सेवा कार्य में आयोजकों की ओर से लोक सक्रिय रहेंगे।
*सामाजिक संगठन की पूरी तैयारी,भोजपुरी लोकगीत गूंजेंगे*
महापर्व के दूसरे दिन शनिवार से लोकगीतों का गूंजन भी होने लगा है। महिलाओं ने गीत गाते हुए प्रसाद तैयार किया वहीं, खरना के बाद 36 घंटे के निर्जला व्रतियों से आशीर्वाद लेने की परंपरा भी शनिवार को निभाई गई। उधर, तापी व तालाब किनारों पर पूजा के दौरान आयोजकों की ओर से लोक कलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है।

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