डायमंड बुर्स की बिल्डिंग बनाने वाली कंपनी ने संचालकों पर 538 करोड़ के बकाया का मुकदमा ठोंका

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डायमंड बुर्स की बिल्डिंग बनाने वाली कंपनी ने संचालकों पर 538 करोड़ के बकाया का मुकदमा ठोंका
अदालत ने डायमंड बुर्स के संचालकों को एक सप्ताह के भीतर 100 करोड़ की बैंक गारंटी जमा कराने का आदेश दिया, अगली सुनवाई 16 दिसंबर को
सूरत 9 दिसम्बर
डायमंड बुर्स उद्घाटन होने से पहले ही विवादों में आ गया है। निर्माता कंपनी ने बकाया 538 करोड़ रूपए लेने के लिए आर्बिट्रेशन एंड कंसीलेशन एक्ट की धारा-9 के तहत अदालत का दरवाजा खटखटाया है। अदालत ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए डायमंड बुर्स के प्रशासकों को एक सप्ताह के भीतर 100 करोड़ रूपए की बैंक गारंटी जमा कराने का आदेश दिया है।
सूरत के खजोद में डायमंड बुर्स का निर्माण हुआ है। आगामी 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इसका उद्घाटन होने वाला है, पर भवन निर्माण की बकाया रकम को लेकर शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गया है।
भवन निर्माता कंपनी पीएसपी लि. और डायमंड बुर्स के संचाकों के बीच बकाया पेमेंट को लेकर विवाद शुरू हो गया है। पीएसपी लि. ने अदालत में 538 करोड़ रूपए बकाया होने का दावा किया है। याचिकाकर्ता के वकील मिहिर ठाकोर, ख्याति चुग और भगीरत पटेल ने बताया कि पीएसपी कंपनी ने डायमंड बुर्स का निर्माण करके संचालकों को इसका कब्जा सौंप दिया है। प्रतिवादी की ओर से अभी तक कुल बकाया रकम 683.59 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया। कंपनी की ओर से बकाया और याचिका दायर होने की तारीख तक ब्याज समेत कुल 631 का दावा किया गया है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों और सबूतों को ध्यान में रखते हुए डायमंड बुर्स के संचालकों को 100 करोड़ की बैंक गारंटी जमा करने का आदेश दिया है। इस केस की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।
डायमंड बुर्स के प्लानिंग एंड निर्माण समिति के कन्वीनर लालजी पटेल का बयान सामने आया है। लालजी पटेल ने बताया कि पीएसपी कंपनी को निर्माण शुरू होते ही टर्म्स एंड कंडीशन के अनुसार टाइम टू टाइम पेंमेंट दिया गया है। पेमेंट में कोई देरी नहीं हुई है। कंपनी की सिफारिश पर एडवांस भुगतान भी किया गया है। कोरोना काल में डायमंड बुर्स की ओर से मजदूरों को फूड पैकेट्स, अनाज, पानी की सुविधा दी गई थी। कंपनी की मांग अनुचित है। कंपनी का कोई बकाया नहीं है। हर बिल का बाकायदा भुगतान किया जा चुका है। कंपनी ने याचिका दायर की है, हमारी लीगल टीम अदालत में हर सवालों का जवाब देगी।

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