*दीक्षा कल्याणक प्राण-प्रतिष्ठित नव मूर्तियों का नगर में निकला भव्य वरघोड़ा*
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*दीक्षा कल्याणक प्राण-प्रतिष्ठित नव मूर्तियों का नगर में निकला भव्य वरघोड़ा*
आठ दिवसीय नाकोड़ा पाश्र्वनार्थ अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के आठवें दिन हुए विविध आयोजन
जगह-जगह श्रावक-श्राविकाओं ने गऊली बनाकर शोभायात्रा का स्वागत किया
कांतिलाल मांडोत
उदयपुर, 14 अप्रैल
श्री मोती कृष्ण गौधाम, नाकोड़ा कामधेनु पाश्र्वनार्थ मंदिर राणाकुई वल्लभनगर में चल रहे नाकोड़ा पाश्र्वनाथ अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के आठवें दिन रविवार 14 अप्रेल को परमात्मा का दीक्षा कल्याणक का वरघोड़ा, दीक्षा कल्याणक स्टेज प्रोग्राम एवं रात्रि में अधिवासना, अंजन प्राणप्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित होगा।
संस्था के हस्तीमल लोढ़ा एवं श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि राष्ट्रसंत आचार्य गुरुदेव चन्द्राननसागरसूरीश्व महाराज की निश्रा में सुरेखादेवी लोढ़ा चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित नवनिर्मित जिनालय की अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा में विधि कारक कल्पेश भाई सिरोड़ी अहमदाबाद वाले ने विधि विधान से अष्ठ प्रकार के मंत्रोच्चारण से पूजा विधि के कार्य सम्पन्न कराएं। आरती, मंगल दीपक, सुबह सर्व औषधी से महाअभिषेक एवं अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। उन्होनें बताया कि श्री मोती कृष्ण गौधाम, नाकोड़ा कामधेनु पाश्र्वनार्थ मंदिर से वरघोड़ा निकाला गया। जिसमें सबसे आगे गजराज थे उसके पीछे पांच घोड़ों पर जैन ध्वज हाथ में लिए श्रावक चल रहे थे। उसके पीछे दो बैण्ड अपनी स्वर लहेरियां बिखेरते हुए चल रहा था। उसके बाद दो सुसज्ज्ति बग्गियंा चल रही थी,उनके पीछे 2 ऊंट गाड़ी जिसमें जैन समाज की विभिन्न झांकियां सजी हुई थी। उसके बाद दो रजत पालगी में भगवान को विराजित कर श्रावक चल रहे थे। शोभायात्रा के मार्ग में जगह-जगह श्रावक-श्राविकाओं द्वारा गऊली बनाकर शोभायात्रा का स्वागत किया गया। मार्ग में हजारों की संख्या में मौजूद श्रावक-श्राविकाएं भगवान के जयकारें लगाते हुए चल रहे थे। स्नात्र पूजा के बाद वरघोड़ा विभिन्न मार्गों से होते हुए पुन: मंदिर प्रांगण में पहुंचा। जहां साधु-साध्वी भगवंत आचार्य चन्द्राननसागर सुरिश्वर, प्रवर्तक मुनिवर हरीशचन्द्रसागर, पुष्पचन्द्रसागर, जैनेशचन्द्रसागर, कार्यदक्ष मुनि मननचन्द्रा सागर, निपुणचन्द्रसागर, अर्हम्चन्द्र सागर, साध्वी कल्पिताश्रीजी, साध्वी चारुताश्रीजी, साध्वी आशीताश्रीजी, साध्वी रीषीताश्रीजी, नूतन बाल साध्वी पूज्यताश्रीजी का आशीर्वचन प्राप्त हुआ।
रात्रि में संगीतकार निखिल सोनीगरा व नरेन्द्र वाणाी गोता ने अपनी स्वर लहरियों से सुर बिखरें एवं नाकोड़ा भैरव के भजनों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर हस्तीमल लोढ़ा, महासभा महामंत्री कुलदीप नाहर, मंजू देवी लोढ़ा, शिल्पा लोढ़ा, अवीश, अनिषा, सान्वी लोढ़ा, देवेन्द्र मेहता, सागर जैन, हितेश जैन, गौरव जैन, रिषीत जैन, शिल्पा लोढ़ा, अवीश लोढ़ा, रोशनलाल लोढ़ा, दिनेश जैन, चांदमल लोढ़ा, मुकेश बोहरा, अमित कुमार पामेचा, दौलत सिंह सुराणा, यशवंत मण्डोत, सुनिल पगारिया, चद्रप्रकाश वागरेचा, भूपेन्द्र चण्डालिया, अनिल कावडिय़ा, चेतन चण्डालिया, अनिला विसलोत, अशोक मेहता, नाकोड़ा भक्ति मण्डल के कई श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे। इस अवसर पर नवकारसी एवं स्वामीवात्सल्य का आयोजन हुआ। – आज होंगे ये कार्यक्रम
हस्तीमल लोढ़ा ने बताया कि 15 अप्रेल सोमवार को मुख्य मंदिर में सभी प्रतिष्ठत प्रतिमाओं की मंत्रोच्चारण के साथ प्राण प्रतिष्ठा होगी। शिखर पर कलश एवं ध्वज दण्ड चढ़ाया जाएगा।
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