गोगुन्दा के तरपाल गांव में मनाया गणगौर उत्सव*

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*गोगुन्दा के तरपाल गांव में मनाया गणगौर उत्सव*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा 2 अप्रैल
राजस्थान का प्रचलित त्योहार गणगौर का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।युवतियों ने सिर और ईसर गोरा को धारण कर गांव के चारो तरफ परिक्रमा करवाई।युवतियों ने रंग बिरंगी वस्त्र धारण कर गांव के रावला से होकर सुथारों के मोहल्ले होते हुए मुख्य मार्ग में ईसर गौरा को सिर पर धारण कर बारी बारीसे युवतियों ने नृत्य किया।इस मनमोहक नजारे को देखने गांव सहित आसपास के लोग एकत्रित होकर नृत्य निहारते रहे।ढोल की थाप पर युवतियों ने घूमर नृत्य किया।
इस पारम्परिक त्योहार में ग्रामीण उत्साहित है।गांव हर समाज की युवतियां इस पर्व को मिलकर मनाती है।गणगौर पर्व में महिला एवं पुरुष सभी शामिल होने का रिवाज है ईसर गौरा की विवाह महोत्सव भी धूम्रधाम से मनाया जाएगा।महिलाओं के साथ नगर परिक्रमा में युवतियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।युवतियां ढोल की थाप पर नाचती नजर आई।गाँव मे इस महोत्सव को देखने के लिए सैकड़ो लोग एकत्रित हुए।
*ढोल की थाप पर की जाती है ईसर और गोरा की परिक्रमा*
गत दिन रावला से गोरा औऱ ईसर की परिक्रमा शुरू की गई।युवतियों ने ईसर और गोरा को सिर पर उठाकर नगर परिक्रमा करते हुए युवक और युवतियां गांव के थरकलिया में पहुंचे ,वहां पर युवतियों ने घूमर नृत्य किया।समाज मे खुशी से झुम उठे और खुशी का उत्सव मनाते हुए रावला की तरफ रवाना हुए।गणगौर के पर्व को सालों से मनाते आ रहे है।
यह पुरानी परंपरा आज भी अक्षुण्ण है।युवतियों ने होली के दो दिन बाद गणगौर का व्रत करना शुरू कर दिया ।राजस्थानी परिधान मेंऔर श्रृंगार में युवतियों ने पूजा अर्चना की गई।गणगोर परिक्रमा में युवतियों ने नाच गान किया।

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