नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9974940324 8955950335 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , जिसके जीवन में सहिष्णुता, क्षमा और सह-अस्तित्त्व का भाव है, उसका आत्मबल अत्यंत प्रखर होता है-जिनेन्द्रमुनि मसा* – भारत दर्पण लाइव

जिसके जीवन में सहिष्णुता, क्षमा और सह-अस्तित्त्व का भाव है, उसका आत्मबल अत्यंत प्रखर होता है-जिनेन्द्रमुनि मसा*

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

*जिसके जीवन में सहिष्णुता, क्षमा और सह-अस्तित्त्व का भाव है, उसका आत्मबल अत्यंत प्रखर होता है-जिनेन्द्रमुनि मसा*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा29 अगस्त
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावकसंघ उमरणा में जिनेन्द्रमुनि मसा ने प्रवचन सभा मे उपस्थित श्रावकों को कहा कि जिसके जीवन में सहिष्णुता का भाव है, वह कभी भी असफल नहीं होता। जो सहिष्णु है, वह स्वयं तो सफल होता ही है, उसके संसर्ग से वातावरण की अराजकता भी समाप्त हो जाती है। परिवार, समाज, संघ और राष्ट्र सर्वत्र सहिष्णुता अपेक्षित है। आप यह मानकर चलिए कि जीवन में अनुकूलता और प्रतिकूलता दोनों की अवस्थिति है। अनुकूलता में तो प्रायः हर एक सहिष्णु दिखाई देता है, पर प्रतिकूल परिस्थितियों में सहिष्णुता के भाव को बरकरार रखना बड़ी बात है। भगवान महावीर ने साधु और श्रावक को सबसे पहले सहिष्णु होने का संदेश दिया है। क्षमा, उपशम, समता आदि शब्द सहिष्णुता की ओर ही इंगित करते हैं। व्यक्ति जितना सहता है, उतना ही ऊपर उठता जाता है।
प्रवीण मुनि ने कहा क्रोध और अहंकार आत्म-विकास में अवरोधक एवं घातक दुर्गुण है। क्रोधी एवं अहंकारी व्यक्ति असहिष्णु होते हैं और ऐसे व्यक्ति न केवल अपना, अपितु अन्यों का अनिष्ट करने में भी कभी नहीं चूकते। जागरूक जन वे हैं. जो अपने मन में क्रोध और अहंकार को प्रविष्ट होने का अवसर ही नहीं देते। कई व्यक्ति प्रायः तर्क दिया करते हैं कि सहिष्णुता का अर्थ कायरता है। जो ऐसा सोचते हैं, उनकी इस तरह की सोच सम्यक् सोच नहीं है। सहिष्णुता से जुड़ा व्यक्ति कायर नहीं, अपितु शूरवीर होता है। तीर्थकरों के लिए हमारे यहाँ पर ‘खंतिसूरा अरिहंता’ विशेषण का प्रयोग हुआ है।
क्या तीर्थकरों में शक्ति का अभाव है ? अनंत शक्ति के धारक होते हैं तीर्थंकर।
इस बीच रितेश मुनि ने कहा कि वे अपकार करने वाले की ओर आँख भी उठा लें तो क्या मजाल है कि वे अपकारी जन उनके सामने एक पल के लिए भी ठहर जाये, पर वे महान् होते हैं। अपकारी के प्रति उपकार की भावना तो जीवन का उदात दृष्टिकोण है। जो प्रभाव सहिष्णुता अथवा समता का होता है वह असहिष्णुता और विषमता का नहीं होता।जहर का शमन जहर से होता है। यह सिद्धान्त मानवता से परिपूर्ण जीवन के साथ मेल नहीं खाता है।
प्रभातमुनि ने बताया कि जहर से जहर का शमन आयुर्वेद की एक पद्धति हो सकती है, वह यह धर्मयुक्त जीवन की शैली कभी भी नहीं हो सकती। भारतीय दर्शन महान दर्शन है। इसके कण-कण में सहिष्णुता और उदारता का समावेश है।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

September 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930