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मेवाड़ के लोकनृत्य गवरी को देखने दर्शकों की उमड़ी भीड़,सायरा के तरपाल गांव में गवरी मंचन,कलाकारों ने दर्शकों को खूब हंसाया*

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*मेवाड़ के लोकनृत्य गवरी को देखने दर्शकों की उमड़ी भीड़,सायरा के तरपाल गांव में गवरी मंचन,कलाकारों ने दर्शकों को खूब हंसाया*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा 21 सितंबर
गवरी में लोगो के मनोरंजन के लिए कलाकारों ने एक से बढ़कर एक शानदार खेलो का मंचन किया गया।वास गांव के समीप नरसिंहपुरा से गवरी का आगमन हुआ।तरपाल में गवरी मंचन के द्वारा हिंदी मेवाड़ी और मारवाड़ी भाषा के द्वारा दर्शकों को हंसाया।सायरा के तरपाल में नरसिंहपुरा के युवा एवं बुजुर्ग कलाकारों ने गवरी नृत्य में अपनी पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन किया।

गवरी के मंचन में कलाकारों ने लोहार ,कंजर मीणा बंजारा आदि कई प्रसंगों पर कलाकारों ने प्रस्तुति दी गई ।तरपाल के मुख्य चौराहा पर लोगो की भारी भीड़ देखने को मिली।विशेषकर राजा रानी के खेल में दर्शको ने खूब ठहाके लगाए।परम्परानुसार वनवासियों के इस गवरी नृत्य से गांवो में उल्लास का माहौल है।भील समाज के लोगो ने विभिन्न खेलो की प्रस्तुति देते हुए दर्शकों को रात दो बजे तक बांध कर रखा।कलाकारों के मनोरंजन से दर्शक रात तक बैठे रहे और गवरी के समाप्ति के बाद भी देर तक लोग वहा रुके रहे।

सुबह लोगो ने चौराहा पर बोरिया बिछाना शुरू कर दिया।कलाकारों ने हंसाने के अंदाज से लोगो को तालिया बजाना शुरू कर दिया।गवरी नृत्य को देखने काफी उत्साह देखा गया।बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्गों ने सबसे आगे जगह रोककर गवरी कालुफ्त उठाया।तरपाल के आसपास गवरी का मंचन किया जा रहा है।अरावली की पहाड़ियों में बसे आदिवासी भीलों से ही नही उदयपुर के आसपास गवरी का जब मंचन होता है तो काफी संख्या में दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ती है। गोगुन्दा क्षेत्र में इन दिनों गवरी की धूम है।गांवो में गवरी का समाचार मिलते ही लोग गवरी देखने निकल पड़ते है।

तरपाल में गवरी को निमंत्रण देकर लाने वाले मौतबीर लोगो ने व्यवस्था और खानपान की पूरी व्यवस्था की गई।इस अवसर पर बाबूलाल सुथार बंसीलाल सुथार मनोहरसिंह राजपूत देवीसिंह राजपूत नारायण दर्जी नानालाल सुथार शांतिलाल बम्बोरी शांतिलाल गलिवाला भैरूलाल बम्बोरी हिमत भोगर हीरालाल ढालावत आदि ने कामकाज के लिए हांथ बटाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की गई।गांव के आसपास से लोग गवरी देखने आए।

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