मोदी की अमेरिका यात्रा से भारत की अपेक्षाएं*

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*मोदी की अमेरिका यात्रा से भारत की अपेक्षाएं*
मोदी आज अपरान्ह दो देशों की यात्रा के लिए रवाना हो गए। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो से पेरिस में होने वाली एआई समिट की स अध्यक्षता करेंगे। मोदी की अमेरिका यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर है।डोनाल्ड ट्रम्प की शपथ ग्रहण के बाद मोदी की यह पहली मुलाकात है।मोदी के पिछले कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान दोनों नेता ने भारत और अमेरिका की यात्रा की है।भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय आदान प्रदान में दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है।मोदी को दोस्त मानने वाले डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ और मजबूत रिश्ते बनाना चाहते है। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में मोदी शामिल नही थे।
उनको अब अलग से निमंत्रण दिया गया है।पिछले दिनों पंजाब के अमृतसर में अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को डिपोर्ट किया गया।अमेरिका में 18 हजार अवैध प्रवासी रह रहे है।उसके लिए अमेरिका की कार्यवाई पर भारत की कोई आपत्ति नही है।लिहाजा, अमेरिका के कानून के आधार पर प्रवासियों को बेड़ियों से झकड़ा गया था।यह एक चौकाने वाली घटना थी।दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री जयशंकर को पहली पंक्ति में बिठाया गया था।भारत की एच 1बी वीजा पर पूरा जोर रहेगा।डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी से फोन पर बातचीत में अमेरिका में निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीदी बढ़ाने और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को संतुलित करने पर जोर दिया।अमेरिका में हर साल वीजा जारी किए जाते है उसमें 70 प्रतिशत भारतीयों के लिए होते है।भारत और अमेरिका के बढ़ते मजबूत रिश्तों से पड़ोसी देशों की अकड़ ढीली पड़ गई है।
दुनिया मे भारत की नीति और विदेश नीतियों पर चर्चा अवश्य की जाती है।भारत विश्व गुरु की और आगे बढ़ रहा है।जिससे दुनिया के देश भारत से सम्बंध बढ़ाने के लिए बेचैन है।मोदी की यात्रा से दोनों देशों के रणनीतिक सहयोग और इंडो पैसिफिक कवाड़ की साझेदारी को आगे बढ़ाने की भी प्रतिबद्धता जताई जा रही है।भारत और अमेरिका के मजबूत होते रिश्तों से चीन को नही भा रहा है।भारत अमेरिका के घनिष्ठ रिश्तों से चीन ने भी भारत से अच्छे रिश्ते बनाने शुरू कर दिए है।अब पाकिस्तान के साथ चीन दोगली नीति भले ही अपनाता रहे,लेकिन भारत के खिलाफ पाकिस्तान को उकसाना बन्द कर दिया है।भारत में इस वर्ष कवाड़ सम्मेलन होने जा रहा है।मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद कवाड़ सम्मेलन में डोनाल्ड ट्रंप अवश्य उपस्थित रहेंगे। भारत अमेरिका से कई उपकरण खरीद रहा है।परंतु डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारत की द्विपक्षीय मंत्रणा में उपकरणों में शुल्क घटाकर नए सौदे करने के लिए कह सकते है।नेतन्याहू और अब्दुला ने अमेरिका की यात्रा की है।अब मोदी अमेरिका की यात्रा कर रहे है।इसलिए मध्य पूर्व को लेकर हैरान कर देने वाली योजनाओं में डोनाल्ड ट्रंप भारत की भूमिका देखना चाहते है।भारत ने 2022 में अमेरिका इजराइल और यूएई में शामिल होकर अंतरिक्ष ,स्वास्थ्य ,ऊर्जा परिवहन जल और खाध सुरक्षा के क्षेत्र में पहल की थी।इजराइल से भारत के मजबूत रिश्ते है। भारत मध्य पूर्व के आर्थिक गलियारों में भागीदार है।2023 में जी 20 समिट में आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।आज भारत स्विंग स्टेट के रूप में उभरा है।अमेरिका रूस के रिश्ते खोखले है।लेकिन अमेरिका के साथ दुश्मन देश रूस के भारत के साथ मैत्रीपूर्ण रिश्ते भारत की साख में बढ़ोतरी कर रहे है।
कांतिलाल मांडोत*

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