राजस्व नक्से में गड़बड़ी का आरोप, चारागाह और तलाई बचाने को ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन*
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*राजस्व नक्से में गड़बड़ी का आरोप, चारागाह और तलाई बचाने को ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन*
कांतिलाल मांडोत
उदयपुर 23 दिसम्बर 2025
गोगुन्दा उपखंड क्षेत्र के समिजा, वीरपुरा और वास गांवों के ग्रामीणों ने बुधवार को उदयपुर जिला कलेक्टर तथा गोगुन्दा उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर राजस्व नक्से में की गई कथित गलत तरमीन और उसके चलते चारागाह, प्राकृतिक धरोहर एवं जलस्रोतों को हो रहे नुकसान पर गंभीर चिंता जताई। ग्रामीणों ने मांग की कि अतिक्रमण हटाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि क्षेत्र की ऐतिहासिक और पर्यावरणीय विरासत को बचाया जा सके।

ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि संबंधित भूमि अरावली क्षेत्र में स्थित है और परंपरागत रूप से मवेशियों की चारागाह के रूप में उपयोग में रही है। इसके साथ ही यह भूमि छाछ तलाई जैसे महत्वपूर्ण जलस्रोत और आस्था से जुड़े ऐतिहासिक स्थल से भी जुड़ी हुई है। इसके बावजूद वर्ष 2077 से 2088 के राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज चारागाह और सार्वजनिक उपयोग की भूमि में तत्कालीन पटवारियों द्वारा गलत तरमीन कर दी गई। आरोप है कि पद का दुरुपयोग करते हुए उक्त भूमि को अपने रिश्तेदारों और प्रभावशाली लोगों के नाम आवंटित कर दिया गया।

ग्रामीणों का कहना है कि इस गलत आवंटन के बाद कुछ लोगों ने खातेदारी स्थापित कर विक्रम कर लिया, जिससे सार्वजनिक भूमि निजी स्वामित्व में चली गई। इसके परिणामस्वरूप चारागाह क्षेत्र सिमट गया, मवेशियों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई और प्राकृतिक संतुलन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इतना ही नहीं, इस भूमि पर बोरवेल खोदने, अवैध खनन करने और निर्माण कार्य किए जाने के मामले भी सामने आए हैं, जिससे छाछ तलाई जैसे जलस्रोत को नुकसान पहुंचा है और आसपास के क्षेत्र में जलस्तर गिरने की आशंका बढ़ गई है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि छाछ तलाई न केवल जल संरक्षण का पारंपरिक साधन रही है, बल्कि वर्षों से ग्रामीणों की आस्था और इतिहास से भी जुड़ी हुई है। ऐसे में इसके आसपास अतिक्रमण और निर्माण कार्य से सामाजिक और सांस्कृतिक भावनाएं भी आहत हो रही हैं। अरावली क्षेत्र होने के कारण यह इलाका पर्यावरणीय दृष्टि से भी संवेदनशील है, जहां इस तरह की गतिविधियां नियमों के खिलाफ हैं।
ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, राजस्व रिकॉर्ड में की गई गलत तरमीन को दुरुस्त किया जाए और अवैध रूप से आवंटित भूमि को पुनः चारागाह व सार्वजनिक उपयोग में दर्ज किया जाए। साथ ही अतिक्रमण हटाकर बोरवेल, खनन और निर्माण जैसे अवैध कार्यों पर तत्काल रोक लगाई जाए। ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन समय रहते ठोस कदम उठाएगा, जिससे क्षेत्र की प्राकृतिक धरोहर और पारंपरिक जलस्रोतों को बचाया जा सकेगा।
लक्ष्मीलाल,कन्हैयालाल लोहार,प्रेमलता, विजयसिंह,भैरूसिंह, देवीलाल,भगवतीलाल सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।बावजूद अतिक्रमण की कार्यवाई नही हो पाई है।प्रशासन से गुहार लगाई है कि तत्काल प्रभाव से कार्यवाई की जाए।
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