सायरा तहसील के सेमड गांव में गवरी वलावन पर उमड़ा जनसैलाब,सूरत से आया जैन समाज*
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उदयपुर 8
कांतिलाल मांडोत
उदयपुर जिले के सायरा तहसील के सेमड गांव में भील जाति द्वारा खेल गई गवरी का आज तड़के 40 दिन बाद विसर्जन किया गया।वलावन के मौके पर हर समाज के लोग मौजूद रहे।।भेखधारी कलाकरो ने 40 दिनों में क्षेत्र के अनेक गांवो में अपना करतब दिखाकर लोगो को खूब हंसाया।सेमड में 13 साल बाद गवरी का मंचन किया गया।गांव के हर समाज का भरपूर सहयोग मिला और मन लगाकर खेलियाओ ने खेल निकाल कर दर्शकों का मनोरंजन किया गया।
गवरी के रोमांचक खेलो को लोगो से मन लगाकर निहारा।देर रात लोगो ने गवरी के विभिन्न खेलो को देखकर तालिया पीटी तो दर्शक भोपे का शक्ति प्रदर्शन नवागन्तुकों के लिए कोतुहल पैदा करने वाला रहा।हाथी का विसर्जन और मिट्टी की बनाई गई गोरज्या की प्रतिमा को पानी मे विसर्जित किया गया।सेमड सहित आसपास के गांवो से महिला, बच्चे और पूरुषो का हुजूम देखते बनता था।गोरज्या के विसर्जन पर लोगो ने अश्रुपूरित विदाई दी गई।40 दिनों तक जिस माता के सहारे गवरी के कलाकारों ने अनेक गांवो में अपना खेल दिखाया।और उस माता की शक्ति के कारण 40 दिनों तक गांव गांव माता के जयकारों से गांव गूंज उठे।
उसकी विदाई सहज नही हो सकती है।गवरी के कलाकारों रिस्तेदारो ने भी भाग लिया।गलावन वलावन की सुप्रसिद्ध परम्परा में चामुंडा माता मंदिर परिसर के अनेक खेल दिखाए गए।गोरज्या माता के समक्ष ज्वारे लेकर कलाकार खूब गवरी नृत्य किया।हाथी की सवारी उसके पूर्व सेमड में आई गवरी के समय निकाला गया था।हजारों की भीड़ ने गवरी के इस विसर्जन कार्यक्रम में भाग लिया।सूरत और मुम्बई से जैन समाज और अन्य समाज के लोगो ने वलावन के अवसर पर भाग लिया।इस आयोजन में सर्वसम्मति से सर्वसमाज का बराबर योगदान रहा ।निर्विघ्न गवरी का समापन होने की खुशी में समाज फुला नही समा रहा है।माता की कृपादृष्टि गांव पर बनी रहे,इस प्रकार की कामना हर कलाकारों ने गांव के लिए की गई।
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