नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9974940324 8955950335 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , विनय जीवन की प्रथम सीढ़ी है : आचार्य चन्द्रानन सागर सूरिश्वर – भारत दर्पण लाइव

विनय जीवन की प्रथम सीढ़ी है : आचार्य चन्द्रानन सागर सूरिश्वर

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

*विनय जीवन की प्रथम सीढ़ी है : आचार्य चन्द्रानन सागर सूरिश्वर*
14 स्वप्न दर्शन,धर्माचार्य की स्थापना, नाकोड़ा भैरव महापूजन सम्पन्न- माता-पिता, इन्द्र-इन्द्राणी पर सुन्दर नाटिका का मंचन आठ दिवसीय नाकोड़ा पाश्र्वनार्थ अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के चौथे दिन हुए विविध आयोजन
कांतिलाल मांडोत
उदयपुर, 11अप्रैल
श्री मोती कृष्ण गौधाम, नाकोड़ा कामधेनु पाश्र्वनार्थ मंदिर राणाकुई वल्लभनगर में चल रही आठ दिवसीय नाकोड़ा पार्श्वनाथ अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के चौथे दिन 10 अप्रेल को आचार्य चन्द्राननसागर सूरिश्वर संघ की निश्रा में 10 अप्रेल को माता-पिता, इन्द्र-इन्द्राणी, धर्माचार्य की स्थापना, परमात्मा का च्यवन कल्याणक, 14 स्वप्न दर्शन, दोपहर में नाकोड़ा भैरव महापूजन विधि विधान से सम्पन हुई। संस्था के हस्तीमल लोढ़ा एवं श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि राष्ट्रसंत आचार्य गुरुदेव चन्द्राननसागरसूरीश्व महाराज की निश्रा में सुरेखादेवी लोढ़ा चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित नवनिर्मित जिनालय की अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा में विधि कारक कल्पेश भाई अहमदाबाद वाले ने विधि विधान से अष्ठ प्रकार के मंत्रोच्चारण से पूजा विधि के कार्य सम्पन्न कराएं। कार्यक्रम में माता-पिता, इन्द्र-इन्द्राणी पर सुन्दर नाटिका का मंचन किया गया। इस दौरान आयोजित धर्मसभा में आचार्य चन्द्राननसागर सूरिश्वर ने कहां कि किं मूलं धम्मे” धर्म का मूल क्या है यह प्रश्न परमात्मा महावीर से थावच्चा पूत्र ने पूछा – परमात्मा ने फरमाया कि “विनय मूले धम्मो” विनय ही धर्म का मूल है। सभी गुण विनय के अधीन है, यदि तुमने विनय को पा लिया है तो समस्त गुण पा लिये। विनय तो अंक है बाकी सब शून्य है। शून्य की अंक के बिना कोई किंमत नहीं। सद्गुणों के खजाने की यदि कोई चाबी है तो वह है विनय । आगे उन्होंने बताया कि ज्ञान पथ पर बढऩे के लिए पहला कदम विनय ही है। क्योंकि विनम्रता के बिना पात्र नही बन सकते। विनम्रता के बिना कुछ पा नही सकते। हमारे जीवन में विनय, नमुता आयेगी तभी हम अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते है। रात्रि में संगीतकार नरेन्द्र वाणाी गोता ने अपनी स्वर लहरियों से सुर बिखरें एवं नाकोड़ा भैरव के भजनों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर हस्तीमल लोढ़ा, देवेन्द्र मेहता, सागर जैन, हितेश जैन, गौरवजैन, रिषीत जैन, शिल्पा लोढ़ा, अवीश लोढ़ा, रोशनलाल लोढ़ा, दिनेश जैन, चांदमल लोढ़ा, मुकेश बोहरा, अमित कुमार पामेचा, दौलत सिंह सुराणा, यशवंत मण्डोत, सुनिल पगारिया, चद्रप्रकाश वागरेचा, भूपेन्द्र चण्डालिया, अनिल कावडिय़ा, चेतन चण्डालिया, अनिला विसलोत, अशोक मेहता, नाकोड़ा भक्ति मण्डल के कई श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे। इस अवसर पर नवकारसी एवं स्वामीवात्सल्य का आयोजन हुआ।
हस्तीमल लोढ़ा ने बताया कि पांचवें दिन गुरुवार 11 अप्रैल को परमात्मा का जन्म कल्याणक, 56 दिक्मुमारिका महोत्सव, 64 इन्द्रों द्वारा मेरु महोत्सव ओर अभिषेक किया गया।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728