विपक्ष के बहिष्कार के बाद भी देश को मिला नया संसद भवन
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विपक्ष के बहिष्कार के बाद भी देश को मिला नया संसद भवन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का नया संसद भवन देश को समर्पित किय गया।हवन पूजन के साथ सर्वधर्म सभा हुई है।श्रमण संस्कृति के महान संत लोकेशमुनि ने नवकार मन्त्र और संस्कृत श्लोकों से शुभ मंगल की घड़ी में समारोह का शुभारंभ किया।उसके पूर्व अभिनव के महंत ने मोदी को सेंगोल सौंपा।इस शुभ और ऐतिहासिक पल को पूरी दुनिया ने निहाला।लेकिन भाजपा की विरोधी पार्टियो ने शुभ मांगलिक अवसर पर उपस्थित रहना उचित नही समझा।कांग्रेस भाजपा का विरोध करते करते अब सीधा मोदी का विरोध करने लग गई है।विकास की बुलंदियों पर भारत की चमक देदीप्यमान हो रही है।वहा विपक्षी दलों को मोदी नही सुहाते है।
कांग्रेस मोदी की नीतियों को सिरे से खारिज करने और उनकी इस विकास यात्रा को दरकिनार करती आ रही है।इन दलों ने मोदी को बायकॉट करने का मूड बना दिया है।रास्ट्रपति के हाथों संसद भवन के उद्घाटन कराने के लिए एकजुट विपक्ष की धारणा उस समय धराशायी हो गई,जब सुप्रीम कोर्ट ने मोदी के नाम को नॉमिनेट किया।भारत मे विपक्षी दलों द्वारा मोदी का बहिष्कार और विरोध रोजमर्रा बन गया है।लेकिन अभी जापान,ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी तीन देशो की यात्रा के दौरान उनको सम्मान मिला,वह सम्मान मोदी का नही है पूरे भारत का है।यह सम्मान उनके कुशल नेतृत्व,उनकी दुनिया के प्रति सोच,राजनीतिक दृष्टिकोण दूरदृष्टि का प्रतिबिंब है।प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार की गवर्निंग काउंसिल की बैठक का आयोजन किया है।इसमें कांग्रेस सहित 10 राज्यो के मुख्यमंत्री अनुपस्थिति रहे थे।जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नही पहुंचे।कांग्रेस की यह विचारधारा रही है कि इस देश मे शुभ कार्य या सरकारी कार्यो पर पहला हक हमारा है।एक गरीब परिवार से आने वाले मोदी का क्या औचित्य?भारत के उदय और विकास की बुलंदियों के साथ विदेश को एक मंच पर लाने का काम मोदी ने किया है।इसका श्रेय उनको ही जाता है।दुनिया भारत की तरफ देख रही है।
भाजपा के नौ साल के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस ने भाजपा से नौ सवाल मीडिया के माध्यम से किया है।सवाल करना और आलोचना करना विपक्ष का अधिकार है।लेकिन कांग्रेस की बदनीयती रही है कि कोरोना काल के दौरान भारत ने बढ़िया काम किया है।वहा कांग्रेस की संवेदना प्रकट नही हुई है।भारत ने वैक्सीनेशन की बड़ी उपलब्धि हासिल कर देश के करीब दो सौ करोड़ लोगों को टीकाकरण कराया है और सौ देशो को वैक्सीन भेजी है।कांग्रेस ने नौ सवालों में भ्रष्टाचार, महंगाई और देश की आर्थिक स्थिति के मुद्दे उखेर कर मोदी को टारगेट किया है।उसका साथ दूसरे दल भी दे रहे है।जरूरतमंद देशो की मदद की है।पापुआ न्यू गिनी के राष्ट्रपति ने प्रोटोकॉल को तोड़कर झुककर उनके पैरों को छुआ।उससे यह साबित होता है कि दुनिया मे भारत के राजनीतिक संबंध कैसे मजबूत होते जा रहे है।पांव चुने की भारतीय संस्कृति को मज़बूती प्रदान की गई है।ऑस्ट्रेलिया में विपक्ष एकजुट होकर रास्ट्रपति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलता है।दरअसल,मोदी ने ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद यह बात कही थी।संसद भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में विपक्ष के 17 दलों का बायकॉट करना लोकतंत्र की गरिमा का उल्लंघन है।मोदी सबके प्रधान मंत्री है।देश की 140 करोड़ जनता के प्रधानमंत्री है।जबकि विपक्षी दलों को सार्वजनिक देश हित की बात पर एकजुटता बताना जरूरी है।दुनिया नौ वर्ष पूर्व भारत का अपमान करती थी।अब नौ वर्षो में भारत की तस्वीर बदल गई है।इसका श्रेय युगपुरुष नरेंद मोदी को जाता है।विपक्ष मोदी की प्रशंसा सुनना नही चाहता है।मोदी को गाली गलौज करते है।यह अभिव्यक्ति की आजादी के पीछे मर्यादाविहीन संस्कार है।विपक्ष की विवेकहीनता पर तरस आता है जो देश की विकास की पटरी पर अवरोध कर कालिख पोतने का कार्य किया जा रहा है।मोदी की साख से विपक्षी दलों को हैरानी हो रही है।विपक्ष को कुछ सूज नही रहा है।अब मोदी को कैसे हराया जाए।उसके लिए विपक्षी की एकजुटता और विपक्षी दलों का गठबंधन कर मोदी को परास्त करने के प्रयास किये जा रहे है।मोदी पर जिस तरह कीचड़ उछेलने की हरकते सामान्य होती जा रही है।इस कीचड़ का उल्टा पड़ता दांव उनको ही नुकसान करता दिख रहा है।मोदी बड़ी ताकत से आगे बढ़ते जा रहे है।मोदी की राजनीति सैद्धान्तिक आधार पर टिकी हुई है।
जिस तरह संसद के भव्य समारोह का विरोध जताया गया।उससे किसी को कोई फर्क नही पड़ता है।स्वयं पार्टी की इमेज पर सवालिया निशान है।लोकतंत्र में राजनीतिक कार्यो को पक्ष विपक्ष एकजुट होकर शुभारंभ करना चाहिए।वहां मनमुटाव और मतभेद के कारण सुख समृद्धि और विकास की गति को रोकने के प्रयास विपक्ष की गलत मानसिकता है।मोदी की साख से पूरा विपक्ष बौखलाया हुआ है।मोदी का विरोध हो रहा है।उतना उनको विदेशो में प्यार मिल रहा है।मोदी की ख्याति उनकी कर्मठता और सत्यनिष्ठ आचरण का धोतक है।मोदी देश की समृद्वि और सशक्त भारत की नींव का पहला व्यक्ति है।जिसका दुनिया मे डंका बज रहा है।विपक्ष को लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत बनाने की जगह उनका विरोध करना न्यायसंगत नही है।विपक्षी दलों की हठधर्मिता सामान्य नही है।इस बात को लेकर मंथन की जरूरत है।पक्ष और विपक्ष की एक दूसरे की आलोचना की खाई चौड़ी ही गई है।यह देश के विकास में बाधक है।नए भारत के आधार स्तम्भ के रूप में मोदी को देखा जा रहा है।जबकि2047 में भारत आर्थिक दृष्टि से दुनिया मे सबसे आगे और विकसित राष्ट्र की कल्पना को साकार करने के लिए मोदी कटिबद्ध है। इसके विपक्ष के साथ कि जरूरत है।लेकिन विरोधाभासी बनकर देश को आगे नही बढ़ाया जा सकता है।विपक्ष देशहित में सतारूढ़ का साथ दे।
कांतिलाल मांडोत
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