पश्चिमी राष्ट्रों की भोगवादी संस्कृति आज दम तोड़ रही है,वे निरुपाय होकर भारत की तरफ देख रहे है-जिनेन्द्रमुनि मसा*

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*पश्चिमी राष्ट्रों की भोगवादी संस्कृति आज दम तोड़ रही है,वे निरुपाय होकर भारत की तरफ देख रहे है-जिनेन्द्रमुनि मसा*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा 17 अगस्त
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ उमरणा में आज जिनेन्द्रमुनि मसा ने कहा कि
जीवन में मनोबल का विकास करके इन्द्रियों को सदवृतियो की ओर उन्मुख करें। सप्रवृत्तियों के लिये दुष्प्रवृत्तियों का दमन करेंगे तो आत्मा निर्मल बनती जायेगी। शरीर में शक्ति एवं चेहरे पर तेज-उल्लास के भाव पैदा होंगे। फिर आपको कृत्रिम बनाने की कहीं भी आवश्यकता नहीं होगी।पश्चिमी राष्ट्रों की भोगवादी संस्कृति आज दम तोड़ रही है। वे भयभीत और निरुपाय होकर भारतीय संस्कृति की ओर देख रहे हैं। मुनि ने कहा विषय-वासना और इन्द्रिय-असंयम के कारण वे दो बार विश्वयुद्ध में उलझकर टूट चुके हैं। उनके सामाजिक मानदण्ड खण्ड-खण्ड हो गये हैं। विनाश के काले बादल अभी भी पूरी तरह नहीं हटे हैं। सोचिए उनका कृत्रिम जीवन उन्हें किस सीमा तक पतन की ओर ले जा चुका है। क्या आप भी उसी गर्त में गिरकर अपना सर्वनाश करना चाहेंगे ?
हमने अध्यात्म के उच्च शिखर को छुआ है। भगवान अरिष्टनेमिनाथ, भगवान महावीर, भीष्म पितामह आदि के आदर्शों को जीवन में उतारें। अब करवट लेकर नवयुवकों को भी ऊपर उठना है। जीवन में कृत्रिम नहीं, वास्तविक वसन्त को बुलाना है, तभी भारत में नई चेतना आयेगी। नई पीढ़ी में जीवन के प्रति नव आशा के भाव संचरित होंगे। अभी वक्त है, युवकों को आगे बढ़कर अपने आपको बदलते हुए, समाज और राष्ट्र में नई चेतना को जाग्रत करना चाहिए। आज का दिन आपका नहीं है तो क्या हुआ कल तो आपका ही होगा। कल के लिए आपको तैयारी आज करनी होगी। कल की भोर सुहानी हो, चिड़ियों का मधुर कलरव सुनाई दे, इसके लिए त्याग को अपनाने हेतु तत्पर रहना होगा। तभी जाकर जीवन की सार्थकता सिद्ध होगी। महर्षि विवेकानन्द के जीवन से हमको सबक ग्रहण करना चाहिए। प्रवीण मुनि ने कहा नवयुवकों को आगे बढ़ना होगा।देश नवयुवकों के कंधों पर है।रीतेश मुनि ने कहा कि अज्ञानता अंधकार है।अज्ञानता से बढ़कर दूसरा दूषण नही है।नवयुवाओं को ज्ञान की ज्योत जलानी है।प्रभातमुनि मसा ने व्यसन से दूर रहने के लिए कहा ।आज युवा फैशन और व्यसन के आदि बनते जा रहे है।व्यसन जीवन को नष्ट करने वाला दूषण है।मंगलाचरण हुआ।संतो से मंगलीक सुना और अभिवादन किया।आज सादड़ी नवयुवक मंडल ने संतो का अभिवादन किया।

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