रायबरेली से इंदिरा गांधी को मिली थी करारी शिकस्त,राहुल ने रायबरेली से नामांकन भरा*

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*रायबरेली से इंदिरा गांधी को मिली थी करारी शिकस्त,राहुल ने रायबरेली से नामांकन भरा*
रायबरेली की सियासी सीट से कांग्रेस खूब फली फूली है।सबसे पहले 1952 में फिरोज गांधी ने चुनाव लड़कर जीता था।वह 1958 में भी विजय हुए थे।इसके बाद इंदिरा गांधी ने राजनैतिक सफर शुरू किया।इंदिरा गांधी के नही रहने पर सोनिया गांधी पांच बार रायबरेली जीतकर सांसद रही थी।अब राहुल गांधी परिवार की विरासत संभालने के लिए पर्चा भरा है।यह सीट पर प्रियंका वाड्रा के नाम की चर्चा थी लेकिन कांग्रेस ने प्रियंका वाड्रा की जगह राहुल को प्रत्याशी बनाया गया है।कई दिनों की ऊहापोह खत्म हो गई।
नामांकन के समय सोनिया गांधी अशोक गहलोत और प्रियंका मौजूद रहे।रायबरेली सीट से सोलह बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है।रायबरेली से भाजपा ने दो बार जीत हासिल की है और जनता पार्टी के राज नारायण विजय हुए थे।बसपा और सपा खाता नही खोल पाए है ।पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1967,1971 और 1980 में जीत हासिल की थी।1977 में कांग्रेस ने इस सीट का प्रतिनिधित्व नही किया।जनता पार्टी के राजनारायण और भाजपा के अशोक सिंहने इंदिरा गांधी को 1996 1998 में हराया था।
सोनिया ने 2004 से 2019तक चार बार चुनाव जीता है।राहुल के लिए रायबरेली एक बेहतर और सुरक्षित सीट है।2019मे अमेठी से राहुल हार गए।उसके समक्ष स्मृति ईरानी थी।पचास हजार वोट से राहुल को हार का सामना करना पड़ा था।गांधी परिवार के लिए रायबरेली भावनात्मक,ऐतिहासिक और चुनावी महत्व अमेठी से ज्यादा है।कांग्रेस को टिकट बंटवारे को लेकर फुंक फूंक कर कदम रखना पड़ रहा है।सोनिया गांधी उम्रदराज है और स्वास्थ्य की वजह से इस बार रायबरेली की सीट पर राहुल को उमीदवार बनाया है।राहुल गांधी ने अपनी पुश्तेनी सीट चुनी है जिस पर नाना फिरोज गांधी दादी इंदिरा गांधी से जीत हासिल की है और माता सोनिया ने 20वर्ष तक सांसदी की है।रायबरेली के मतदाताओ के लिए संदेश में सोनिया ने कहा कि मुझे आज बहुत खुशी है कि मैं जो कुछ हूं आपकी वजह से हूं।मुझे सेवा करने का अवसर मिला और मेरा दिल और आत्मा सदैव आपके साथ रहेंगे।
इस सीट से इंदिरा गांधी को भी हार का स्वाद चखना पड़ा था।रायबरेली की सीट का राजनीति में अहम मुकाम रहा है।राहुल लड़ रहे है और देश की सबसे चर्चित लोकसभा सीटों में से एक है।कांग्रेस के नेताओं के लिए रायबरेली की सीट खास मानी जाती है।कांग्रेस का रायबरेली में गढ रहा है।रायबरेली के पास ही अमेठी है और अमेठी से राहुल की हार की चुभन कांग्रेस को आज भी है ।इसलिए कांग्रेस की परंपरागत सीट रायबरेली जोकि सोनिया वर्तमान में सांसद है।उस पर राहुल ने पर्चा भरा है।इंदिरा गांधी की तरह सोनिया गांधी राज्यसभा में गई है।सोनिया चुनाव नही लड़ने का ऐलान कर चुकी है।स्वास्थ्य के कारणों से सोनिया नही चाहती है कि वे चुनाव लड़े,उसी सीट से कांग्रेस कई बार जीत हासिल की गई है।रायबरेली के मतदाताओ ने जिसे चाहा बैठाया और जिसे चाहा उतार दिया।जिस तरह मतदाता कुर्सी देना जानते है तो धूल चाटना भी खूब आता है।
*कांतिलाल मांडोत*

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