नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9974940324 8955950335 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , सहिष्णुता से जुड़ा व्यक्ति कायर नही,अपितु शूरवीर होता है-जिनेन्द्रमुनि मसा* – भारत दर्पण लाइव

सहिष्णुता से जुड़ा व्यक्ति कायर नही,अपितु शूरवीर होता है-जिनेन्द्रमुनि मसा*

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

*सहिष्णुता से जुड़ा व्यक्ति कायर नही,अपितु शूरवीर होता है-जिनेन्द्रमुनि मसा*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा 29 सितंबर
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वावधान मेंआयोजित धर्मसभा में जिनेन्द्रमुनि मसा ने फरमाया कि जिसके जीवन में सहिष्णुता का भाव है,वह कभी असफल नही होता,जो सहिष्णु है ,वह स्वयं तो सफल होता ही है,उसके संसर्ग से वातावरण की अराजकता भी समाप्त हो जाती है।मानवता नैतिकता, संतोष ,सत्यता और त्याग जैसे सभी गुण श्रावक श्राविकाओं में होने अनिवार्य है।जीवन कैसे जिया जाय उसका अनुसरण होना जरूरी है।मुनि ने कहा अपने बच्चों को धर्म का तथा धर्म गुरु का परिचय कराना अनिवार्य है।मुनि ने कहा जहाँ तक धर्म गुरु को नही पहचानेंगे, वहा तक संस्कार आना नामुमकिन है।सत्य की राह पर चलकर जैन धर्म के प्रति समर्पित होना ही सच्चे श्रावक की पहचान है।महाश्रमण ने कहा व्यसन मुक्त जीवन बनाने का प्रयास करे।आज के परिपेक्ष्य में बीड़ी सिगरेट तम्बाकू का सेवन जोरो पर है।इससे जीवन खतरे में पड़ सकता है।संत ने कहा कि थोड़ा सहिष्णुता से जीना सीखिये।आप अनुभव करेंगे कि किस तरह से तनावों एवं संघर्षो का विलय हो रहा है।संत ने कहा कि जिसके जीवन में सहिष्णुता क्षमा और सह अस्तित्व का भाव है।उसका आत्मबल अत्यंत प्रखर होता है।तप साधना एक शास्वत सत्य है। तप की साधना कठिन भी है।श्रावको ने तप किया है।मुनि ने कहा कि नवयुवको को कृत्रिमता का आवरण त्यागकर नैसर्गिक सौंदर्य की प्राप्ति का प्रयास करने पर मुनि ने जोर दिया।जीवन कमल पुष्प समान बने,उसके लिए मुनि ने व्यसन से दूर रहने की प्रेरणा दी।सत्य तथा उच्च संस्कार का बीजारोपण आज की युवा पीढ़ी के लिए जरूरी है।व्यसन और वासना के दल दल से बाहर निकलकर जीवन मे वास्तविकता का रंग उत्पन्न करना चाहिए।प्रवीण मुनि ने नैतिकता पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि नैतिक बल की और उन्मुख न होकर अंतर में संयम और सत्य के बल को संजोए।सत्य सदैव प्रकाश की और ले जाता है।मुनि ने इतिहास की और ईशारा करते हुए कहा कि सत्य पर अडिग रहकर अपनी सौरभ लुटाने वाले एक सामान्य व्यक्ति को हाथी के पैरों तले कुचला डाला।लेकिन वह सत्य पर अडिग था।जबकि शासक ने अपनी इच्छा पूर्ण की।रितेश मुनि ने कहा गांधीजी का जीवन सद्गुणों का सत संकल्पो का एक प्रेरणा स्त्रोत था।उनके विचार,उनके आचार उनके संस्कार और उनका व्यवहार सत्य, सादगी और सदाचार का मूर्तिमन्त स्वरूप था।गांधी का चरित्र गांधी का चिंतन सत्कर्मो से महकता गुलदस्ता था।प्रभातमुनि ने कहा कि जो सत्य का साक्षात्कार कर लेता है वह कभी भी असफल नही होता है।जीवन मे मुश्किलें जरूर आएगी।अलबत, सत्य परेशान हो सकता है लेकिन सत्य झुकता नही है।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031