नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9974940324 8955950335 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , तन और धन ही नही अपनी प्रज्ञा का भी सदुपयोग करिये-जिनेन्द्रमुनि मसा* – भारत दर्पण लाइव

तन और धन ही नही अपनी प्रज्ञा का भी सदुपयोग करिये-जिनेन्द्रमुनि मसा*

oplus_0

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

*तन और धन ही नही अपनी प्रज्ञा का भी सदुपयोग करिये-जिनेन्द्रमुनि मसा*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा 2 नवम्बर
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ उमरणा स्थित महावीर जैन गोशाला के तत्वाधान में आयोजित धर्मसभा में जिनेन्द्रमुनि मसा ने कहा कि अपने मन और तन का सदुपयोग हो,इस विषय मे तो विवेचना प्रायः होती है,किन्तु अपनी प्रज्ञा का भी सदुपयोग हो इस दिशा में हम बहुत कम सोचते है।

नए वर्ष पर मंगल प्रवचन देते हुए मुनि ने कहा कि महामन्त्र का जाप हर व्यक्ति को करना चाहिए।सुबह उठते समय नवकार मन्त्र की माला हर एक को करनी चाहिए।संत ने कहा नवकार महामंत्र अनादि अनन्त है इसका कोई निर्माता नही है,मात्र उच्चारण है।अनादि काल से यह विधमान रहा है।और भविष्य में भी यह सदा सर्वदा विधमान रहेगा।इसमें किसी व्यक्ति पंथ और मान्यता का समावेश नही है।   इस महामंत्र में मानव जीवन की श्रेष्ठतम अवस्थाओं की अभिवंदना है।यह अखिल मानवता का महामंत्र है।कल्पातीत है।सभी विधाओं से परे है।नवकार महामन्त्र में असीम ताप है।प्रवीण मुनि ने कहा आत्मा की शक्ति अनन्त है।आत्मा अमर है।इसको कोई काट नही सकता है।मुनि ने नए वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नए वर्ष में सुख समृद्धि धन्य धान्य की वृद्धि हो यही कामना करते है। शुभकामनाएं देते हुए कहा कि धर्म आराधना कर अपने अकर्म की निर्जरा कर जन्म जन्मांतर के अकर्म नष्ट करने के लिए धर्म साधना सुगम मार्ग है।रितेश मुनि ने नववर्ष की शुभकामनाएं दी।धर्म आराधना करने के लिए आग्रह कर कहा कि धन दौलत कमाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है।लेकिन भाग्य बनाने के लिए सुकर्म कर अगले जन्मों का संचय करना बहुत आवश्यक है।धर्म के बीना सब व्यर्थ है।प्रभातमुनि ने उपस्थित श्रावक श्राविकाओं को सम्बोधित कर कहा कि त्याग जीवन की प्रथम सीढ़ी है।त्याग के बिना जीवन सफल नही हो सकता है।राम का त्याग आज भी सुवर्ण अक्षरों में लिखा गया है।त्याग जीवन को महान बनानें की प्रक्रिया है।संत ने कहा कि मोहनीय कर्म आत्मा को गर्त में धकेलते है। धर्म साधनाए व्यर्थ कभी नही होती ।धर्म साधना को पाखण्ड कहना पाप है।आज उमरणा में नए वर्ष पर संतो के दर्शन करने एवं नएवर्ष पर शुभ मंगलीक के लिए प्रवासियों का आगमन हुआ।सूरत मुम्बई एवं पालघर सेआये श्रावको ने जिनवाणी का रसपान कर अपने को धन्य समझा।शुभ मंगलीक के लिए एवं दर्शन लाभ के लिए सेहरा प्रान्त से लोगो का आवागमन हुआ। कस्तूरचंद तलेसरा प्यारचंद तलेसरा सोहनलाल मांडोत दिलीप तलेसरा आदि श्रावक उपस्थित रहे।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031