*वर्तमान शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन की आवश्यकता-जिनेन्द्रमुनि मसा*

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*वर्तमान शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन की आवश्यकता-जिनेन्द्रमुनि मसा*
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा 27 जुलाई
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ उमरणा जैन स्थानक भवन में विधा निकेतन स्कूल सायरा से छात्र छात्राओं ने जिनेन्द्रमुनि मसा आदि ढाणा 4 के दर्शन कर संतो को नमन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। संतो ने छात्र छात्राओं को साधुवाद दिया।जिनेन्द्रमुनि मसा ने उपस्थित छात्र छात्राओं को सम्बोधितकरते हुए कहा कि शिक्षक शिक्षार्थियों का सहयोग अवश्य प्राप्त करना चाहिए, जिससे उनकी चिंतन शक्ति एवं एकाग्रता में वृद्धि हो और पढ़ाई में रुचि ले सके।संत ने कहा कि आज की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन कीआवश्यकता है।
आज की शिक्षा प्रणाली समुचित नही है।शिक्षा प्रणाली में कोई कमियां है तो उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।जैन मुनि ने कहा कि बच्चों की सबसे पहली शिक्षक अपनी माता है।सबसे पहले माता के पल्लवन के दौरान बोलना सीखता है।उसके बाद शिक्षा की ज्योत जगाने वाले शिक्षक है।जिनके द्वारा विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करता है।
अभी वर्तमान में स्कूल प्रणाली में जितनी भी कमियां है उस पर एक व्यक्ति को जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता है।शिक्षक शिक्षा देता है और बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है।आज का विद्यार्थी कल का भारत का भाग्य विधाता है।शिक्षक समाज राष्ट्र के प्रति संवेदनशील है लेकिन पश्चिमी अंधानुकरण के कारण आज का विद्यार्थी भटक गया है।शिक्षा प्रणाली में जुड़ा हुआ व्यक्ति है उसे कमियां दूर करने और सुधार करने की जिम्मेदारी शिक्षक की है।मोबाइल और इंटरनेट में समय बर्बाद नही कर छात्र छात्राओं को अपना भविष्य सुधारने के लिए शिक्षा से पूरा लगाव रखना चाहिए।शिक्षक सामाजिक मान्यताओं के द्वारा बनाया गया एक तंत्र है।विद्यार्थियों को भी चाहिए कि अपने माता पिता भविष्य सुधारने और भविष्य में कुछ बनने के लिए हर मांग पूरी करके स्कूल कॉलेज भेजते है।बच्चों का भी कर्तव्य है कि वे अपनी जिम्मेदारी समझकर पढ़ाई में मन लगाकर पढ़े और अपने माता पिता और शिक्षक का नाम रोशन करे।शिक्षा किसी व्यक्ति और समाज की सर्वोंतोमुखी विकास की शशक्त प्रणाली है।रीतेश मुनि मसा ने नवकार मंत्र का उच्चारण कर उपस्थित छात्र छात्राओं को इसकी व्यख्या सुनाई।संत ने उमरणा स्थित महावीर गोशाला में चारसौ गायों की देखभाल और किन किन सुविधाओं से उनकी सम्भाल रखनी पड़ती है ।उसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई।संत ने कहा कि पशुपालन ग्रामीण जनता का अहम हिस्सा बन चुका है।गोशाला में गायों की अच्छी देखभाल और गोवंशों के लिए सुविधा गोपालक अच्छी तरह करते है। गायों के बेहतर पोषण के लिए गोशाला बनाना और आरामदायक आवास से गाय सुरक्षित रहती है और सड़क पर इधर उधर घूमना और प्लास्टिक आदि का खाना बंद हो जाता है।गायों को कसाईयो के हाथों से बचाया जा सकता है। प्रभातमुनि मसा ने उपस्थित छात्र छात्राओं को पढ़ाई में ध्यान देने और अपने माता पिता गुरु और शिक्षक के मार्गदर्शन में चलने का आह्वान किया।युवा देश की धड़कन है।युवाओ को आगे लाने और समुचित शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों को पूरी सतर्कता से पालन करने की अपील की गई।इस बीच श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रहे।विधा निकेतन स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रभुवनदास ने संतो का अभिवादन किया।मांगीलाल पुनमिया चंदन सेठ रमेश रांका शांतिलाल बम्बोरी एवं पारस भोगर सहित अनेक श्रावक उपस्थित रहे।

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