जीवन के सत्यार्थ को समझने के लिये जिज्ञासा होनीचाहिए-साध्वी परम प्रभा
कांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा 7फरवरी
गोगुन्दा तहसील के सेमड गांव में ओसवाल भवन में आज साध्वियों का मंगल प्रवेश हुआ।मर्यादा महोत्सव के उपलक्ष्य में पधारी साध्वी ठाणा तीन सायरा के लिए नियत अवधि में विहार करेगी।साध्वी परम प्रभा ने श्रावक श्राविकाओं को संबोधीत करते हुए कहा कि जीवन यह नहीं है जिसे जिया जा रहा है। यह तो असत्य पर आधारित प्रपन्च पूर्ण जीवन है। जीवन वास्तविक स्वरूप समझने के लिये हृदय में सच्ची जिज्ञासा भी चाहिए।पस्थित श्रावकों के सम्बोधन में कहा कि जिज्ञासा होगी तो जीवन स्पर्शी प्रश्न खड़े होगे।उन प्रश्नों के समाधान के लिए जीवन का सत्य उभर कर सामने आएगा।जो जीवन सफलताओं के शिखर को छू चुके हैं ,उनके अनुभव बहुत मूल्यवान है। बहुत कुछ सीख सकते है किन्तु अपने में सच्ची जिज्ञासा होनी चाहिए। ज्ञान का खजाना खोलने की।
साध्वी ने कहा ज्ञानवान अनुभवी सत्पुरुषों के संपर्क में पहुंच कर यथा समय उनसे प्रश्न करके उनके ज्ञान का खजाने को प्रकट कराइये।सतपुरुषों के अनुभवों सेअपने को जीवन के लिये बहुत कुछ मिलेगा।प्रयास करिये कि आप जीवन में सत्य और यथार्थ को पा सके। आपका प्रयास व्यर्थ नहीं जाएगा।
साध्वी ने आगे कहा कि महावीर ने फरमाया कि अपनी समस्त आत्मशक्तियो को लगाकर सत्य की गवेषणा करो। ‘जिन खोजा तिन पाइया* खोजने वाले को मिला है। और मिलेगा किन्तु खोजने के पीछे पूरा मन होना चाहिये।